Railways Compensation Rs. 30,000 Old Man: भारत का संविधान बहुत ही मजबूत है, यहां सभी को एक बराबर हक दिया गया हैं। अक्सर हम सुनते हैं कि रेलवे ने इस यात्री पर इतने का जुर्माना लगाया, लेकिन कभी भी कोई रेलवे की लापरवाही पर उसको आईना नहीं दिखाता। तमिलनाडू के चेन्नई में एक बुजुर्ग ने रेवले को लापरवाही के लिए न सिर्फ जिला उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग तक ले गए, साथ ही रेलवे के साथ इस मुकाबले में जीत भी हासिल की। दरअसल, विभाग की गलती की वजह से ट्रेन से उतरते समय एक बुजुर्ग को चोट लग गई थी। इसके बाद बुजुर्ग ने उपभोक्ता संरक्षण फोरम में रेलवे के खिलाफ केस दाखिल कर दिया।
3. RVNL is actively participating in railway tendering opportunities and has won bids worth over Rs. 30k crores.
4. RVNL is exploring opportunities in electronic interlocking and covers segments.---विज्ञापन---— Kavita (@Kavita38176955) September 3, 2023
दिसंबर 2021 का है मामला
ये मामला है दिसंबर 2021 का। बुजुर्ग का नाम केवी रमेश है। केवी रमेश चेन्नई से नवजीवन सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन सवार होकर अंकलेश्वर जा रहे थे। वो ट्रेन के सेकेंड एसी कोच में थे। केवी रमेश के बताया कि अंकलेश्वर पर ट्रेन पहुंची तो उनके कोच समेत तीन दूसरे कोच प्लेटफॉर्म के बाहर जाकर रुके। इससे उनको ट्रेन से उतरने में काफी परेशानी हुई। ट्रेन से उतरने के लिए उन्हें मजबूरन कूदना पड़ा, जिससे उन्हे चोट आई। बस फिर क्या था केवी रमेश ने इसकी शिकायत चेन्नई के जिला उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग में कर दी।
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आयोग का फैसला
बुजुर्ग की शिकायत पर जब आयोग ने रेलवे से इसका जवाब मांगा, तो रेलवे ने अपनी सफाई में कहा कि अंकलेश्वर का प्लेटफॉर्म बड़ा करने का काम किया जा रहा था, उस समय तक ये काम पूरा नहीं हो पाया था और गलती से ट्रेन तोड़ी आगे बढ़ गई। रेलवे की सफाई को आयोन ने मानने से मना कर दिया और बुजुर्ग यात्री इससे हुई दिक्कत के लिए रेलवे को सेवा में कमी का दोषी ठहराया। 30 अक्टूबर को आयोग ने अपने फैसले में रेलवे को आदेश दिया कि वह बुजुर्ग यात्री को 25 हजार रुपये हर्जाना दे और मुकदमे में आए खर्च के लिए 5 हजार रुपये अलग से दे।