एक देश-एक चुनाव को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की मंगलवार को बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता जेपीसी अध्यक्ष पीपी चौधरी ने की। इस दौरान समिति के सदस्यों ने विषय पर विस्तार से चर्चा की और विशेषज्ञों की राय सुनी। आज की बैठक में पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राजेंद्र मेमन को आमंत्रित किया गया था। दोनों विशेषज्ञों ने ‘एक देश-एक चुनाव’ की कानूनी और संवैधानिक जटिलताओं पर अपनी विस्तृत राय पेश की और प्रेजेंटेशन दिए। अब समिति ने इस मुद्दे पर जनता की राय लेने की योजना बनाई है और इसके लिए अखबारों में विज्ञापन भी दिए जाएंगे।
सदस्यों ने पूछे कई सवाल
जेपीसी अध्यक्ष पीपी चौधरी ने बताया कि समिति के विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े सदस्यों ने इस विषय पर कई सवाल पूछे। उन्होंने कहा, ‘सभी सदस्य पूरी तरह से राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रहे हैं और जेपीसी किसी भी तरह की दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम कर रही है।’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सदस्यों की सभी शंकाओं का समाधान किया जा रहा है और आगे भी अन्य कानूनी विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा ताकि विषय के सभी पहलुओं पर गहन चर्चा की जा सके।
जेपीसी विज्ञापन और वेबसाइट करेगी लॉन्च
जेपीसी ने जनता की राय जानने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत अखबारों और मीडिया आउटलेट्स में विज्ञापन देगी ताकि लोग अपनी राय साझा कर सकें। विज्ञापनों में QR कोड भी दिया जाएगा, जिससे लोग सीधे एक विशेष वेबसाइट पर जाकर अपनी राय दर्ज कर सकें। जेपीसी ने बताया कि जल्द ही इस वेबसाइट को लॉन्च किया जाएगा, जहां न केवल हितधारक बल्कि सामान्य जनता भी अपनी राय साझा कर सकेंगी।
अगली बैठक 17 मार्च को
जेपीसी की अगली बैठक 17 मार्च को आयोजित होगी। इसमें कई अन्य कानूनी विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा ताकि इस विषय पर गहन विचार-विमर्श किया जा सके।