President rule imposed in Manipur: मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है। बता दें कि रविवार शाम (9 फरवरी) को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में जातीय हिंसा के लगभग दो साल बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। राज्य में हिंसा के बाद कई मुद्दों को लेकर उनकी सरकार पर आलोचना हो रही थी।
बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 174(1) के अनुसार, राज्यों की विधानसभा की दो बैठकों के बीच में 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए। लेकिन, मणिपुर विधानसभा की बैठक बुलाने की संवैधानिक समय सीमा बुधवार को खत्म हो गई थी। साथ ही राज्य में कई बैठकों के दौर के बाद भी किसी दल या गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था। ऐसे में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है।
President’s Rule imposed in Manipur.
Manipur CM N Biren Singh resigned from his post on 9th February. https://t.co/vGEOV0XIrt pic.twitter.com/S9wymA13ki
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) February 13, 2025
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत क्या बोले?
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन पर को लेकर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा, मैंने ऐसा कभी नही देखा जब 22 महीने तक हिंसा, लूटमार और महिलाओं पर अत्याचार हुआ हो। लगातार हिंसा होती रही लेकिन, केंद्र सरकार चुप रही। वहां पिछले 2 सालों से सब कुछ चल रहा था। वहां के सीएम भी मान रहे थे कि हालात खराब हैं। लेकिन, केंद्र सरकार देखती रही। पीएम मोदी वहां जाते तो उसका असर पड़ता, शायद हिंसा रुकती। भाजपा ने देश के इस राज्य के साथ ऐसा व्यवहार क्यो किया? मेरी समझ से परे है। इनको इतिहास कभी माफ नहीं करेगा।
बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद बजट सत्र निलंबित
इससे पहले राज्यपाल अजय भल्ला ने रविवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद सोमवार से शुरू होने वाले बजट सत्र को निलंबित कर दिया था। दरअसल, सोमवार से मणिपुर विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला था और कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दे रखा था। बीरेन सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव से पहले सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस्तीफे को लेकर क्या कहा था बीरेन सिंह ने?
भाजपा नेता बीरेन सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा, अब तक मणिपुर के लोगों की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। मैं केंद्र सरकार का बहुत आभारी हूं। उन्होंने समय पर कार्रवाई की, मदद की और विकास के काम किए। हर मणिपुरी के हितों की रक्षा के लिए कई परियोजनाएं भी शुरू कीं। बीरेन सिंह ने अपने इस्तीफे में राज्य में शांति बहाली के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक कदम उठाने की अपील की थी। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में सुरक्षा और शांति से जुड़ी 5 प्रमुख मांगों को भी केंद्र के सामने रखा था। उन्होंने कहा था कि राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अखंडता को बनाए रखना जरूरी है।