President Droupadi Murmu Joins IIT Kharagpur 69th Convocation: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय शिक्षण व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इस बात पर काफी चिंता जताई है कि दुनिया के टॉप-50 शिक्षण संस्थानों में एक भी भारतीय शिक्षण संस्थान नहीं है। इसके लिए उन्होंने रैंकिंग से ज्यादा अच्छी शिक्षा पर फोकस करने को ज्यादा महत्पपूर्ण बताया। राष्ट्रपति ने सोमवार को IIT खड़गपुर के 69वें दीक्षांत समारोह में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में देश की शिक्षण व्यवस्था और दुनियाभर में भारतीय शिक्षण संस्थानों की स्थिति पर खुलकर अपने विचार रखे और चिंता भी जताई।
हमारे IIT system की पूरी दुनिया में एक साख है। IITs को प्रतिभा और प्रौद्योगिकी का incubation centre माना जाता है। IIT Kharagpur ने अपने लगभग 73 वर्षों के सफर में अनेकों अद्वितीय प्रतिभाओं को तराशा है। आपके संस्थान को देश का पहला IIT होने का गौरव भी प्राप्त है। pic.twitter.com/nFmn0nmTAj
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 18, 2023
---विज्ञापन---
IIT खड़गपुर के आज तक के सफर को शानदार बताया
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारतीय शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग अच्छी होगी तो दुनियाभर के स्टूडेंट्स और प्रोफेसर्स भारत आना चाहेंगे, जिससे देश का नाम रोशन होगा। IIT खड़गपुर इस दिशा में प्रयास करते हुए देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने में सहयोग करना चाहिए। पूरी दुनिया में भारतीय IIT खास पहचान रखती हैं। यह भारतीय प्रतिभाओं का प्रतीक हैं। इन्हें टेक्नोलॉजी का इन्क्यूबेशन सेंटर कहा जाता है। IIT खड़गपुर ने पिछले 70 सालों के अपने सफर में देश को कई प्रतिभाशाली इंजीनियर दिए हैं। युवाओं को तराशकर उन्हें देश का नाम रोशन करने योग्य बनाया है।
यह भी पढ़ें: देश में पहली बार 7 साल के बच्चे का बोन मैरो ट्रांसप्लांट, डॉक्टरों ने बताया आखिर कैसे किया ये कमाल?
IIT खड़गपुर से देश के विकास में सहयोग करने की अपील
राष्ट्रपति ने कहा कि IIT खड़गपुर जैसे संस्थानों को नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए देश के विकास में अहम भूमिका निभानी होगी। नई-नई टेक्नोलॉजी इनोवेट करके उन्हें लागू करने के लिए क्रांतिकारी प्रयास करने होंगे। IIT खड़गपुर ने विदेशी संस्थानों के साथ मिलकर जिस तरह के प्रयास किए हैं, इससे भारतीय शिक्षण प्रणाली को विश्व स्तर पर खास पहचान दिलाने में काफी मदद मिलेगी। हर भारतीय को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने का अधिकार होना चाहिए। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भारतीयों को समानता, सद्भाव और सामाजिक न्याय के प्रति जागरूक करने के लिए होना चाहिए।