आजकल बच्चों में शुगर यानी चीनी के सेवन से होने वाली बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। खासकर टाइप 2 डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याएं अब बच्चों में भी देखने को मिल रही हैं। इस वजह से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक अनोखी पहल शुरू की है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी ‘मन की बात’ में सराहा है। इस पहल के तहत स्कूलों में ‘शुगर बोर्ड’ लगाए जाएंगे, जो बच्चों को चीनी के नुकसान और सही मात्रा के बारे में जागरूक करेंगे। इससे बच्चे खुद ही हेल्दी और सही ऑप्शन चुन पाएंगे।
प्रधानमंत्री ने की ‘शुगर बोर्ड’ पहल की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की एक नई पहल की तारीफ की है। यह पहल स्कूलों में ‘शुगर बोर्ड’ लगाने की है, जिसका उद्देश्य बच्चों को चीनी के अधिक सेवन से होने वाले खतरे के बारे में जागरूक करना है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आपने स्कूलों में ब्लैकबोर्ड तो देखे होंगे, अब कुछ स्कूलों में शुगर बोर्ड भी लग रहे हैं। ये ब्लैकबोर्ड नहीं, शुगर बोर्ड हैं।” उन्होंने बताया कि इस प्रयास से बच्चों में यह समझ विकसित हो रही है कि कितना चीनी खाना सही है और वे अब खुद से हेल्दी ऑप्शन चुनने लगे हैं।
Sugar boards in schools are shaping healthy habits: PM Modi ji pic.twitter.com/jKvAULNToH
— Sameera ji💘kapil sharma fen (@Sameera__pathak) May 25, 2025
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स्कूलों में 15 जुलाई तक लगेंगे शुगर बोर्ड
CBSE ने सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को कहा है कि वे 15 जुलाई 2025 तक अपने स्कूलों में शुगर बोर्ड लगाएं। यह निर्णय नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) की सलाह पर लिया गया है। इस बोर्ड पर बताया जाएगा कि बच्चों को रोजाना कितनी चीनी लेनी चाहिए, आमतौर पर जंक फूड और ड्रिंक्स में कितनी चीनी होती है, ज्यादा चीनी खाने से क्या नुकसान होते हैं और बच्चे कौन से अच्छे और सेहतमंद खाने के ऑप्शन चुन सकते हैं। इसका मकसद बच्चों को सही जानकारी देना है ताकि वे खुद सही और हेल्दी खाना चुन सकें।
हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर एक जरूरी कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पहल बच्चों में बचपन से ही हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की आदत डालने में मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की पहल सिर्फ स्कूलों तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि दफ्तरों, कैंटीन और अन्य संस्थानों में भी ऐसी जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने यह भी दोहराया कि “अगर स्वास्थ्य है, तो सब कुछ है” और एक फिट इंडिया ही मजबूत भारत की नींव है। उन्होंने माता-पिता की ओर से इस पहल को मिल रही सराहना का भी उल्लेख किया।
बच्चों में बढ़ रही है टाइप 2 डायबिटीज की समस्या
CBSE ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि अब बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज के केस बहुत बढ़ रहे हैं। पहले यह बीमारी ज्यादा बड़े लोगों में होती थी, लेकिन अब बच्चों में भी होने लगी है। इसका सबसे बड़ा कारण स्कूलों में आसानी से मिलने वाले मीठे स्नैक्स, कोल्ड ड्रिंक और प्रोसेस्ड फूड हैं। इसलिए CBSE ने स्कूलों को कहा है कि वे बच्चों के लिए हेल्दी खाने के बारे में जागरूकता बढ़ाने वाले प्रोग्राम, वर्कशॉप या सेमिनार करें। इससे बच्चों को सही खाना खाने की आदत बनेगी और वे लंबा समय तक सेहतमंद रह पाएंगे।