26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के मौके पर भारत मंडपम में शानदार कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस दौरान उन्होंने 10वें सिख गुरू गोबिंद सिंह के साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी मौजूद रहीं. वीर बाल दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 20 बच्चों को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से सम्मानित किया.
ये भी पढ़ें: जब ‘साहिबजादों’ को नहीं झुका पाए थे मुगल, जानिए क्यों मनाया जाता है वीर बाल दिवस?
बच्चों से पीएम मोदी का संवाद
इस दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सम्मान पाने वाले बच्चों से संवाद भी किया. उन्होंने कहा कि साहिबजादे भारत के अदम्य साहस और वीरता का प्रतीक हैं. जिन्होंने क्रूर मुगल साम्राज्य के खिलाफ चट्टान की तरह खड़े होकर धार्मिक कट्टरता और आतंक की नींव हिलाकर रख दी. पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात का संतोष होता है कि बीजेपी सरकार ने साहिबजादों की वीरता से प्रेरित होकर 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का ऐलान किया था. पीएम मोदी ने कहा कि Gen Z और Gen Alpha ही देश को विकसित भारत के लक्ष्य तक ले जाएंगे.
20 बच्चों को मिला राष्ट्रीय सम्मान
बाल दिवस के मौके पर ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से सम्मानित 20 बच्चों को 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चुना गया है. इन बच्चों में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बॉर्डर पर जवानों को चाय-नाश्ता देने वाले फिरोजपुर के श्रवण सिंह भी शामिल हैं. 2 बच्चों को मृत्यु के बाद पुरस्कार दिया गया, इनमें तमिलनाडु की ब्योमा और बिहार के कमलेश कुमार का नाम शामिल है. उनके माता-पिता ने राष्ट्रपति से पुरस्कार रिसीव किया.










