Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र के समापन से एक दिन पहले गुरुवार को लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस सत्र के दौरान सदन से कई विधेयक पारित हुए, जिसमें सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम 1867 को बदलने के लिए लाया गया एक विधेयक शामिल है।
स्पीकर ओम बिरला ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की लोकसभा
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक पारित होने के बाद सदन की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। आज ही मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 भी पारित किया गया था।
इससे पहले, बुधवार को लोकसभा में आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट यानी साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए तीन विधेयक पारित किए थे। संसद का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर को खत्म होना था।
पहले कब समय से पहले सत्र का किया गया समापन?
बता दें कि इससे पहले 25 मई 2021 को बजट सत्र को समय से पहले खत्म कर दिया गया था। इस दौरान लोकसभा और राज्य सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के स्थगित कर दी गई थी। इस सत्र के दौरान राज्य सभा में 90 प्रतिशत तो लोकसभा में 114 प्रतिशत कामकाज हुआ था।
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इसके बाद, 2022 में शीतकालीन सत्र को समय से छह दिन पहले समाप्त कर दिया गया। इस सत्र की शुरुआत सात दिसंबर से हुई। इसका समापन 29 दिसंबर को होना था, लेकिन इसे 23 दिसंबर को ही समाप्त कर दिया गया। वहीं, 21 सितंबर 2023 को संसद के विशेष सत्र को समय से पहले समाप्त कर दिया गया था। इस दौरान लोकसभा में 137 प्रतिशत तो राज्य सभा में 128 प्रतिशत कामकाज हुआ था। सत्र 18 सितंबर को शुरू हुआ था।
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संसद का शीतकालीन सत्र कब शुरू हुआ?
संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू हुआ था। सत्र के दौरान ही 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने का मामला सामने आया था, जब दो शख्स विजिटर गैलरी से लोकसभा कक्ष में पहुंच गए थे। वे अपने साथ स्मोक कैन भी लिए हुए थे। हालांकि, बाद में दोनों को पकड़ लिया गया था। सांसदों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।
140 से अधिक सांसदों को किया गया निलंबित
शीतकालीन सत्र के दौरान ही 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। वे संसद सुरक्षा चूक मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग कर रहे थे। हालांकि, स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि निलंबन तख्तियां लाने और हंगामा पैदा करने से जुड़ा हुआ है, न कि सुरक्षा में चूक मामले से संबंधित मांगों से।