अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस इतने वर्षों तक आर्टिकल 370 को गोद में खिलाने का काम किया था। इसे हटाने से पहले लोग कहते थे कि खून की नदियां बहने लगेंगी। लेकिन नरेंद्र मोदी जब दूसरी बार सत्ता में आए तो उन्होंने एक ही झटके में इसे हटा दिया। खून की नदियां तो छोड़ो, किसी में एक कंकड़ भी चलाने की हिम्मत नहीं हुई। आज कश्मीर में 1.19 हजार करोड़ का निवेश आ चुके हैं। कांग्रेस की तुष्टिकरण की दुकान अब बंद हो गई है।
Parliament Winter Session Day: संसद के शीतकालीन सत्र का आज 18वां दिन था। राज्यसभा में सदन की कार्यवाही अब 18 दिसंबर को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। गृह मंत्री अमित शाह का संबोधन समाप्त होने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा की। अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस इतने वर्षों तक आर्टिकल 370 को गोद में खिलाने का काम किया था। इससे पहले संसद का बीता दिन काफी चर्चा में रहा। संविधान पर बहस पर पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिले। तो वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने नागरिक अधिकारों का कत्ल करने के लिए संविधान में कई संशोधन किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने रातोंरात एक द्वीप श्रीलंका को दे दिया। अपने संबोधन में गृह मंत्री ने दुष्यंत कुमार की इमरजेंसी पर लिखी पंक्तियां पढ़ीं- 'एक गुड़िया की कई कठपुतलियों में जान है'...। उन्होंने कहा कि पहले आईएएस-आईपीएस का पेपर मातृभाषा में नहीं होता था, लेकिन बीजेपी ने ऐसा किया। अंडमान निकोबार द्वीप समूह का नाम जो अंग्रेज रख गए थे, उसे हमने ठीक किया। उनका कहना था कि कांग्रेस ने अपने परिवार के नाम के अलावा कुछ नहीं किय।. देशभर में हजारों जगह नेहरू-गांधी परिवार के सदस्यों का नाम मिलेगा। लेकिन बीजेपी ने पीएम संग्रहालय बनाया और नेहरू की भी तस्वीर उसमें लगाई। बीजेपी ने 160 पुराने कानूनों को समाप्त किया। कांग्रेस के राज में देश 14 वें नंबर पर था। अटलजी देश को 11वें नंबर पर लेकर आए जो अब पीएम मोदी के नेतृत्व में 5वे नंबर पर है।
विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम INDIA रखा। INDIA के चश्मे से भारत नहीं समझा जा सकता। कांग्रेस ने अपने परिवारों की प्रसिद्धि के कामों के अलावा कुछ नहीं किया। कांग्रेस आरक्षण विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण की रिपोर्ट को लाइब्रेरी में रखा था। कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है। कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहती है।
Delhi: Union Home Minister Amit Shah says, "...The first amendment was to curtail the freedom of expression by Former PM Jawahar Lal Nehru. The 24th Amendment was brought by his daughter Indira Gandhi. On November 24, 1971, the Parliament was given the right to reduce the… pic.twitter.com/Nw3dqRWX3q— ANI (@ANI) December 17, 2024
अमित शाह ने कहा कि एक संविधान संशोधन हम लेकर आए, जीएसटी लाकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक सौ अलग-अलग कानूनों को समाप्त कर जनहित का काम किया। नरेंद्र मोदी ने जीएसटी का इसलिए विरोध किया था कि आप जीएसटी तो लाना चाहते थे लेकिन राज्यों को कंपनसेशन की गारंटी देना नहीं चाहते थे। गृह मंत्री ने कहा कि बीजेपी ने पिछड़ी जातियों के कल्याण के लिए दूसरा संशोधन किया। तीसरा संशोधन गरीबों के कल्याण के लिए लाए कि जिन जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है, उनको 10 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान लहराकर झूठ बोला है। उन्होंने कहा कि जो संविधान लहराया गया वो कोरा था। संविधान लहराने के लिए नहीं मानने के लिए है। अभी तक किसी ने चुनाव में संविधान नहीं लहराया। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि पार्टी को तो निजी परिवार की जागिर समझते हो, संविधान को भी निजी संपत्ति समझते हो। उन्होंने कहा कि फर्जी संविधान को साथ लेकर चलने वालों को चुनाव में हार मिली है।
कांग्रेस ने हमेशा वोट बैंक की राजनीति की। हम आजादी के बाद नई शिक्षा नीति लेकर आए। हमने अंग्रेजों द्वारा बनाए कानूनों को खत्म किया। इस देश को गुलामी की मानिसकता से आजाद करने के काम अगर किसी ने किया तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। प्रधानमंत्री कहते हैं कि प्रधान सेवक हूं, उन्होंने एक देश, एक चुनाव बिल पर संसद और विधानसभाओं के कार्यकाल बढ़ाने की बात की जो कांग्रेस कभी नहीं कर सकती है।
गृह मंत्री ने कहा कि 5 नवंबर 1971 को इंदिरा गांधी की सरकार ने 24वें संशोधन में नागरिक अधिकारों को कर्टेल करने का संसद को अधिकार दे दिया। उन्होंने कांग्रेस के संविधान में 39वां संशोधन को घेरा। उनका कहना था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अवैध घोषित कर दिया था। कांग्रेस ने निर्लज्ज तरीके से संविधान में संशोधित किए।
गृह मंत्री ने संविधान सभा के सदस्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि विदुर नीति, शांति पर्व, रामायण के विचार को भी हमने अपने संविधान में समाहित करने का प्रयास किया था। उनका कहना था कि डॉक्टर अंबेडकर ने कहा था कि कोई संविधान कितना भी अच्छा हो, वह बुरा हो सकता है जिन पर उसे चलाने की जिम्मेदारी है, अगर वो अच्छे न हों। आगे गृह मंत्री ने कहा कि संविधान बदलने का प्रावधान अनुच्छेद 368 के तहत संविधान में ही है, एक नेता आए हैं, 54 साल में खुद को युवा कहते हैं। उन्होंने बताया कि संविधान में पहला संशोधन 18 जून 1951 में हुआ था।
गृह मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल के प्रयास से देश एकजुट हुआ था, जो लोग कहते थे कि देश आत्मनिर्भर हो पाएगा या नहीं, देश आज दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया है और ब्रिटेन जिसने हम पर वर्षों तक शासन किया, वह भी हमारे बाद है। गृह मंत्री ने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के करीबी नंदलाल बोस ने संविधन के एक -एक चित्र का मतलब भी बताया और एक सदस्य के चित्रों की चर्चा पर कमेंट का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संविधान में जो सारे चित्र लगाए गए हैं, वो राष्ट्र की यात्रा को चित्रित करने वाले हैं, कोई ये ना समझे कि हमारा संविधान महज नकल है। ऋग्वेद में भी शुभ विचार लेने की बात कही गई है, लेकिन अपनी विरासत को नहीं छोड़ा है। चित्र के बगैर संविधान अधूरा संविधान है।
राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो कहते हैं कि लोकतंत्र देश में सफल नहीं होगा, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हमारा लोकतंत्र आज पाताल तक गहरा पहुंचा। उन्होंने कहा कहा कि हमने अनेक तानाशाहों के अहंकार को चूर करने का काम लोकतांत्रिक तरीके से किया है। संविधान पर चर्चा युवा पीढ़ी के लिए अच्छा है। इस देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से अनेक तानाशाहों का अभिमान चूर-चूर करने का काम किया है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक चंपई सोरेन ने सरायकेला में कहा कि भारत एक लोकतंत्र है, लोकतंत्र में हम कहते हैं कि भारत को खंड-खंड नहीं होने देंगे। भारत अखंड है। एक देश एक चुनाव सही कदम है। ये देश के हित में है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शाम 6.30 बजे राज्यसभा में संविधान पर बोलेंगे।
शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने राज्यसभा में कहा कि इस देश के चोर और डकैत भी प्रमाणित रहे हैं। अगर 400 का नारा सच हो जाता है तो वे संविधान बदलने में भी पीछे नहीं हटते हैं। पिछले 10 साल में भारत गायब हो गया है। अब लोग कहते हैं कि हम मोदी के लोग हैं।
आप सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में कहा कि गली-गली में शोर है... उनके इस बयान से राज्यसभा में हंगामा हो गया।
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' बिल पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि यह बिल असंवैधानिक और संघवाद के खिलाफ कैसे है? विपक्ष के कम से कम एक सदस्य को यह बताना चाहिए कि यह संघवाद के खिलाफ कैसे है? विपक्ष झूठ बोलने और गलत बयानबाजी करने में माहिर है। उन्हें योग्यता के आधार पर बात करनी चाहिए। क्या कई क्षेत्रीय दल इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं?
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि हमने विधेयक पेश किए जाने के खिलाफ मतदान किया। अगर सरकार इसे जेपीसी को भेजना चाहती है तो यह उनका विशेषाधिकार है।
#watch | Delhi | On 'the One Nation, One Election' bill, Congress MP Manish Tewari says, "We voted against the introduction of the Bill. If the government wants to refer it to the JPC, that's their prerogative." pic.twitter.com/7JPxZ7emdx
— ANI (@ANI) December 17, 2024
'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल पर जम्मू कश्मीर सरकार में मंत्री जावेद राणा ने एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि यह बिल डेमोक्रेटिक वैल्यूज के खिलाफ है। यह बिल सूट नहीं करता है। डेमोक्रेटिक मुल्क में हम इसका पूरी तरीके से विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में EVM को लेकर जो बयान दिया था, उनका समर्थन करता हूं। कांग्रेस को अपने अंदर जरूर देखना चाहिए, उनके हालत क्या है?
'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार यह तर्क दे रही है कि चुनाव कराने में करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं और वह पैसे बचाने की कोशिश कर रही है। एक लोकसभा चुनाव कराने में 3700 करोड़ रुपए खर्च होते हैं, यह आंकड़ा 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने दिया था। 3700 करोड़ रुपए सालाना बजट का 0.02% है। सालाना बजट का 0.02% खर्च बचाने के लिए वे भारत के पूरे संघीय ढांचे को खत्म करना चाहते हैं और चुनाव आयोग को और अधिक शक्ति देना चाहते हैं। चुनाव आयोग के आयुक्त के चुनाव में सुप्रीम कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है। हमने आज इस असंवैधानिक बिल का विरोध किया है। बीजेपी सिर्फ 65 वोटों के अंतर से बिल पेश करवा पाई। पूरा एनडीए बिल को पारित करवाने के लिए 2/3 बहुमत नहीं जुटा सका।
#watch | On 'One Nation One Election' Bill, Congress MP Gaurav Gogoi, says "The government is arguing that crores of rupees are being spent in organizing elections and it is trying to save money. To conduct a Lok Sabha election, Rs 3700 crores is spent, this figure was given by… pic.twitter.com/JZlYh5nKCy
— ANI (@ANI) December 17, 2024
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक पर मध्य प्रदेश के मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि यह सरकार द्वारा उठाया गया स्वागत योग्य कदम है। यह पैसे और समय की बर्बादी रोकने का अच्छा उपाय है।
#watch | Bhopal | On the 'One Nation, One Election' Bill, Madhya Pradesh Minister Prahlad Singh Patel says, "It is a welcome step taken by the government. It is a good solution to stop waste of money and time..." pic.twitter.com/DXC67PrthA
— ANI (@ANI) December 17, 2024
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक पर मध्य प्रदेश के मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि यह सरकार द्वारा उठाया गया स्वागत योग्य कदम है। यह पैसे और समय की बर्बादी रोकने का अच्छा उपाय है।
वन नेशन वन इलेक्शन बिल लोकसभा में स्वीकार हो गया है। इस बिल केस समर्थन में 269 वोट आए। वहीं विरोध में 198 वोट पड़े। 2 बार ईवीएम से वोटिंग कराई गई थी। इसके साथ ही लोकसभा की कार्यवाही 3 बज तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
इलेक्ट्रॉनिक डिवीजन में बिल को स्वीकार किए जाने के पक्ष में इलेक्ट्रॉनिक मशीन में 220 वोट आए। विपक्ष के खाते में 149 वोट आए। कुल 369 वोट पड़े हैं। इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में दोबारा फिर से वोटिंग होने जा रही है।
एक देश एक चुनाव बिल को स्वीकार किया जाए या नहीं, इसके लिए डिवीजन यानि मत विभाजन कराया जा रहा है। नए सदन में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक डिवीजन हो रहा है। मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोट मशीन के साथ पर्ची से भी सांसद अपना मत दे सकते हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने यह व्यवस्था इसलिए बनाई कि इस सदन में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से वोट पड़ने की वजह से कंप्यूजन न हो।
गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद अर्जुन मेघवाल ने कहा कि बिल के लिए जेपीसी के गठन का प्रस्ताव दूंगा। सरकार की भी यही चाहत है। नियम 74 के तहत वन नेशन वन इलेक्शन से जुड़े बिल के लिए जेपीसी का गठन होगा। जेपीसी में आम सहमति और स्टेक होल्डर्स से बातचीत के लिए बिल को भेजा जाएगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी मंशा जताई थी कि इस बिल को जेपीसी में भेजा जाए। अगर मंत्री भी चाहते हैं तो उसको जेपीसी में भेजा जाए तो इसे भेजा जाना चाहिए।
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी वन नेशन वन इलेक्शन बिल का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस बिल के लागू होने के स्थानीय पार्टियां खत्म हो जाएंगी। देश में राष्ट्रपति शासन का माहौल बन जाएगा। इससे सिर्फ सुप्रीम लीडर भी खुश रहेगा।
* ONOE का प्रस्ताव चुनाव आयोग को राष्ट्रपति को परामर्श देने का अधिकार देता है जिसके आधार पर राष्ट्रपति किसी राज्य का चुनाव टाल सकते हैं।
* ये संविधान का उल्लंघन है। अभी 356 लगाने के परामर्श का अधिकार सिर्फ राज्यपाल को है - चुनाव आयोग राष्ट्रपति को ये सलाह नहीं दे सकता। ये संविधान बदलने की कोशिश है।
* कांग्रेस इसे नहीं मानती और इस बिल को JPC में भेजने की मांग करती है।
समाजवादी पार्टी के नेता धर्मेंद्र यादव ने इस बिल का विरोध किया है। उनका कहना है कि मुझे समझ नहीं आ रहा सिर्फ 2 दिन पहले संविधान पर बहस हुई है। अब यह बिल पेश कर दिया गया, जो संविधान के मूलभूत ढांचे के ही खिलाफ है।
#watch | Samajwadi Party MP Dharmendra Yadav says "I am standing to oppose the 129th Amendment Act of the Constitution, I am not able to understand just 2 days ago, no stone was left unturned in the glorious tradition of saving the Constitution. Within 2 days, the Constitution… https://t.co/mW2OuEsceu pic.twitter.com/SqhAOZ4O7R
— ANI (@ANI) December 17, 2024
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर का कहना है कि वन नेशन वन इलेक्शन संघीय ढांचे पर हमला है। हम इसका विरोध करेंगे।
#watch दिल्ली: वन नेशन वन इलेक्शन पर सांसद और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद ने कहा, "यह संघीय ढांचे पर हमला है। यह राज्य सरकारों की शक्ति को कम करता है...हम संविधान को मानने वाले लोग हैं...हम इसका विरोध करेंगे..." pic.twitter.com/mrb7n9VApH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 17, 2024
विधि एंव राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक राष्ट्र एक चुनाव का 129वां संशोधन बिल पेश किया है।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। pic.twitter.com/2zQHoTM1dE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 17, 2024