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क्या है नियम 267? जिसके तहत स्थगित होती है राज्यसभा, इसका हवाला देकर सांसद भेजते हैं नोटिस

What Is Rule 267: आज पार्लियामेंट मानसून सेशन का 11वां दिन है। दोनों सदनों में ही कार्यवाही शुरू हुई। इससे पहले ही सदन को स्थगित करने के लिए सांसद नोटिस दे चुके हैं। यह नोटिस नियम 267 के तहत भेजा जाता है। जानिए यह नियम भारत में कब से शुरू हुआ?

Author Written By: Shabnaz Author Edited By : Shabnaz Updated: Aug 4, 2025 13:59
What Is Rule 267
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What Is Rule 267: आपने कई बार सुना होगा कि संसद की कार्यवाही को स्थगित करने के लिए कोई भी सांसद नोटिस भेज देता है। आज AAP सांसद संजय सिंह ने SSC फेज-13 परीक्षा में अनियमितताओं के लिए नियम 267 के तहत कार्य स्थगन नोटिस दिया। सदन की कार्यवाही कैसे होती है और इसमें नियम 267 की क्या भूमिका है? 267 की शुरुआत भारत में कब हुई? इससे जुड़ी पूरी जानकारी यहां पढ़िए।

क्या है नियम 267?

नियम 267 का ताल्लुक निलंबन से जुड़ा है। इस नियम के तहत ही सांसद सदन को स्थगित करने का नोटिस देते हैं। आसान भाषा में समझा जाए तो राज्यसभा सांसद सदन लिस्टेड सभी कामों को स्थगित करने और किसी भी मुद्दे पर बात करने के लिए लिखित में नोटिस दे सकते हैं।

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इस तरह से प्रस्ताव देने का उद्देश्य यह होता है कि इससे मामले की गंभीरता दिख सके। यानी सभी कार्यों को छोड़कर सबसे पहले नोटिस में दिए गए मामले पर विचार किया जा सकता है। इसके अलावा, इस तरह के किसी भी निलंबन के प्रस्ताव को केवल सभापति की सहमति से लाया जा सकता है।

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कितनी देर तक हो सकती है चर्चा?

नियम 267 के जरिए सदन में किसी भी मुद्दे पर करीब ढाई घंटे तक चर्चा की जा सकती है। जो किसी मुद्दे पर चर्चा करना चाहता है वह लिखित तौर पर लिखकर इसकी जानकारी दे सकता है। जो मुद्दा वह उठा रहा है इसमें उसकी जानकारी सटीक तरह से दी गई हो। इसके अलावा, चर्चा करने करने के कारणों के बारे में भी स्पष्ट तौर पर बताना होता है। साथ ही इस पर दो अन्य लोगों के भी साइन होने जरूरी हैं।

कब हुई थी इसकी शुरुआत

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसका इस्तेमाल सबसे पहले यूनाइटेड किंगडम में हाउस ऑफ कॉमन्स में हुआ था। वहीं, भारत में इसकी शुरुआत भारत सरकार अधिनियम,1919 के तहत की गई। आजाद भारत की बात की जाए तो इसको 1952 में लोकसभा और राज्यसभा में लाया गया। अब तक इस नियम में कई बदलाव किए जा चुके हैं, लेकिन कुछ बुनियादी प्रिंसिपल्स हैं जिनमें आज तक कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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First published on: Aug 04, 2025 01:59 PM

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