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Parliament Monsoon Session 2025: प्रश्नकाल और शून्यकाल क्या होता है? इसके क्या हैं नियम और कब से हुई शुरुआत

Parliament Monsoon Session 2025: पार्लियामेंट का मानसून सेशन 2025 की आज 21 जुलाई से शुरुआत होने जा रही है। इस दौरान नेता जनता से जुड़े तमाम मुद्दे उठाते हैं। इसमें कई बिलों पर भी मुहर लगाई जाती है। जानिए इस सेशन में प्रश्नकाल और शून्यकाल क्या होता है।

Author Written By: Shabnaz Author Edited By : Shabnaz Updated: Jul 21, 2025 05:55
Parliament Monsoon Session 2025
Photo Credit- PIB

Parliament Monsoon Session 2025: आज 21 जुलाई को पार्लियामेंट का मानसून सेशन 2025 शुरू होने जा रहा है। इस दौरान पक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी बात रखते हैं। जनता को अभी किन चीजों की जरूरत है, उनके सामने क्या समस्याएं हैं इस तरह के मुद्दे इन सेशन में उठाए जाते हैं। साथ ही कुछ नए बिलों पर भी मुहर लगाई जाती है। आज हम इस सेशन में होने वाले प्रश्न काल और शून्यकाल पर बात करेंगे। यह क्या होता है और ये एक दूसरे से कैसे अलग होते हैं? साथ ही यह भी जानिए कि इसकी शुरुआत कब हुई थी।

प्रश्नकाल क्या होता है?

पार्लियामेंट मानसून सेशन में हर एक प्रतिनिधि को अपनी बात करने का पूरा मौका दिया जाता है। इस कार्यवाही के दौरान किसी भी योजना या किसी मुद्दे पर बात करने के लिए प्रश्नकाल का समय दिया जाता है। संसद के पहले घंटे यानी 11 से 12 बजे के बीच प्रश्नकाल का समय रहता है। इसमें प्रश्नों के भी कई प्रकार होते हैं, जिसमें तारांकित प्रश्न होते हैं। इसमें सवाल का जवाब मंत्री जी तुरंत दे सकते हैं। इस जवाब के बाद फिर से सवाल पूछा जा सकता है।

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दूसरे अतारांकित प्रश्न होते हैं। इन प्रश्नों का लिखित में जवाब दिया जाता है। इसके बाद आते हैं शॉर्ट नोटिस क्वेश्चन। इनका जवाब भी मौखित तौर पर ही दे दिया जाता है। इस काल से योजनाओं और सरकार की जवाबदेही को सुनिश्चित किया जाता है। इसकी शुरुआत 1952 में हुई थी।

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शून्यकाल क्या होता है?

शून्यकाल में सांसदों को सवाल पूछने से पहले किसी तरह की सूचना देने की जरूरत नहीं होती है। इसका समय प्रश्नकाल के बाद 12 बजे से शुरू होता है। इस दौरान स्पीकर की मदद से सांसद अपना मुद्दा सदन में उठा सकते हैं। इसमें सवाल उठाने के लिए कोई मुद्दा तय नहीं किया जाता है। शून्यकाल के खत्म होते ही लंच टाइम होता है जो 2 बजे तक चलता है। दूसरी पाली की शुरुआत नए सवालों के साथ की जाती है। शून्यकाल की शुरुआत साल 1962 में हुई थी।

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First published on: Jul 20, 2025 07:39 AM

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