अनिल चौधरी, अलीगढ़
Uttar Pradesh News: भारतीय युवक को पाकिस्तानी युवती से प्यार करना एक युवक को भारी पड़ गया। पाकिस्तान की कोर्ट ने युवक को सजा सुनाई है। कोर्ट ने युवक को 1 साल कैद की सजा और 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी अधिवक्ता ने बिना फीस लिए बादल की तरफ से केस लड़ा है।
सोशल मीडिया के जरिए पाक की सना से हुआ प्यार
अलीगढ़ के बरला थाना क्षेत्र के गांव नगला खिटकारी का रहने वाले बादल बाबू को सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन निवासी सना रानी से प्यार हो गया। वह उससे मिलने पाकिस्तान पहुंच गया। 27 दिसंबर 2024 को उसे वहां की पुलिस ने पकड़ लिया और जेल में डाल दिया। इस बीच सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान के वकील फियाज रामे ने बादल के पिता कृपाल सिंह से संपर्क किया। बादल के परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए फियाज रामे ने बिना फीस के बादल का मुकदमा लड़ा।
4 महीने की सजा काट चुका है बादल
10 जनवरी 2025 को फियाज रामे ने इस मामले की पैरवी शुरू की। पुलिस की चार्जशीट दाखिल होने के बाद उन्होंने मुकदमे में बादल बाबू का पक्ष रखना शुरू किया। पाकिस्तान से फियाज रामे ने कृपाल सिंह को फोन पर बताया कि उनके बेटे को पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन की जिला अदालत ने 1 साल कारावास और 5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। इस सजा में से चार महीने बादल बाबू जेल में काट चुका है।
ऊपरी अदालत में करेंगे अपील
फियाज रामे ने बताया कि बादल बाबू को मिली सजा के खिलाफ वह ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। प्रयास करेंगे कि एक साल जेल की सजा में भी उसे कुछ कम सजा मिले ताकि वह बरी हो सके। जल्द से जल्द अपने घर लौट सके। परिजनों को इंतजार है कि कब उनका बेटा जेल से छूटकर भारत आए। परिजनों ने बिना फीस के केस लड़ रहे पाकिस्तानी अधिवक्ता फियाज रामे को शुक्रिया अदा किया है।
पाकिस्तान ने नहीं माना जासूस
फियाज रामे ने बताया कि सुनवाई के दौरान 17 अप्रैल को सना रानी को भी अदालत में पेश किया गया था। उससे पूछा गया कि बादल बाबू से कब, कैसे और कितने दिनों से संपर्क में हैं। उस वक्त बादल बाबू और सना रानी ने एक दूसरे को देखा जरूर लेकिन कोई बात नहीं हुई। पुलिस की चार्जशीट में बादल बाबू से मिली फेसबुक चैट के जरिए अदालत ने उसे जासूस नहीं माना, बस गलत तरीके से सीमा पार करने के जुर्म में यह सजा दी है।