जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने कथित तौर पर 26 लोगों की जान ले ली। इस हमले में केरल के एन रामचंद्रन की भी मौत हो गई। उनकी बेटी आरती ने जो बताया वह किसी की भी रूह को कांपने पर मजबूर कर देगा। एक तरफ पिता की लाश से लिपटी बेटी थी तो दूसरी ओर बच्चों की चीख थी जिसने उसे होश में लाया। ये कहानी सिर्फ एक हमले की नहीं, बल्कि एक मां की भी है जिसने अपनी हिम्मत से बच्चों को बचा लिया।
कैसे हुआ हमला?
आरती बताती हैं कि वह अपने पिता, मां, बच्चों और पति के साथ कश्मीर घूमने आई थीं। सोमवार को वे पहलगाम पहुंचे थे। जैसे ही उन्होंने दूर से गोलियों की आवाज सुनी, उन्हें कुछ गड़बड़ लगा। तभी उन्होंने देखा कि एक आदमी हवा में फायरिंग कर रहा है। उन्होंने तुरंत अपने पिता और बच्चों को जमीन पर लेटने को कहा।
पिता को बचा नहीं पाईं…
आरती ने कहा, “हम सब दौड़ने लगे। मेरी मां कार में बैठी थीं जो थोड़ी नीचे खड़ी थी। तभी एक बंदूकधारी आया और चिल्लाया कि सब जमीन पर लेट जाएं। उसने कुछ धार्मिक शब्द कहे और फिर मेरे पिता पर गोली चला दी।” आरती अपने घायल पिता से लिपट गईं और उसी वक्त आतंकी ने उन्हें बंदूक की बट से मारा।
बच्चों की चीख ने दी हिम्मत
आरती कहती हैं, “मैं पापा को पकड़े रही, उनके शरीर से खून बह रहा था। तभी मेरे दोनों छोटे बच्चे चिल्लाने लगे – ‘मम्मा चलो” यही पल था जिसने आरती को झकझोर दिया। उन्होंने महसूस किया कि अब पिता को बचाया नहीं जा सकता, लेकिन बच्चों को बचाना जरूरी है। इसके बाद वह बच्चों को लेकर जंगल के रास्ते भागीं।
Kochi, Kerala | Arathi, eye witness and daughter of N Ramachandran, who was killed by terrorists in Pahalgam attack, says, “On hearing a gunshot, I asked my father what that sound was. He said he wasn’t sure. As we heard more gunshots, we started to run. We saw other people also… pic.twitter.com/v55nEsX2eE
— ANI (@ANI) April 24, 2025
स्थानीय लोगों और ड्राइवर्स ने निभाया भाई का फर्ज
आरती ने बताया कि ड्राइवर मुसाफिर और समीर ने उनकी बहुत मदद की। “मैं उन्हें भाई मान चुकी हूं। श्रीनगर एयरपोर्ट पर मैंने उन्हें गले लगाकर कहा, आप मेरे भाई हो, अल्लाह आपको खुश रखे।” स्थानीय लोगों ने भी बचे हुए पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की। आरती ने यह भी बताया कि उनकी मां को इस हमले की जानकारी नहीं थी। वह उन्हें होटल रूम तक ले आईं और टीवी कनेक्शन बंद करवा दिया ताकि उन्हें कुछ पता न चले। बुधवार की रात जब वे कोच्चि पहुंचीं तब भी मां को कुछ नहीं बताया।