पहलगाम आतंकी हमले की जांच एनआईए ने शुरू कर दी है। अब तक की जांच में पाकिस्तान का हाथ होने के सबूत एजेंसी को मिले हैं। बैसरन में घटनास्थल पर सुरक्षा एजेंसी को 50-70 कारतूस मिले हैं। सामने आया है कि आतंकियों ने अमेरिकी M4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल और एके-47 के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। सूत्रों के मुताबिक एके-47 की गोलियां चीन निर्मित हैं, जो स्टील से बनी हैं। सूत्रों के मुताबिक एम4 कार्बाइन का प्रयोग अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में किया था। ये हथियार अफगानिस्तान में ही अमेरिकी फौज छोड़कर निकल गई, जिन पर अब तालिबान कब्जा कर चुका है।
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माना जा रहा है कि ये हथियार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की मदद से आतंकियों ने तालिबान से खरीदे थे। जांच में पता लगा है कि हमले को 4 आतंकियों ने अंजाम दिया। 2 आतंकी लोकल थे, इसके अलावा 2 अन्य लोकल लोग भी बैसरन के मैदान में मौके पर आतंकियों की मदद कर रहे थे। चारों आतंकी भारतीय सेना की वर्दी में थे। हमले का पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। 2 आतंकियों ने एम4 कार्बाइन से फायरिंग की, 2 अन्य ने एके-47 से फायरिंग की। हमले को 20-25 मिनट में अंजाम दिया गया, लोगों से धर्म पूछा गया, फिर उनको गोलियां मारी गईं। सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी फौज के हथियारों का बड़ा जखीरा अगस्त 2021 से तालिबान के कब्जे में है।
A preliminary investigation into the deadly attack on tourists near #Pahalgam has revealed that at least 4 terrorists, clad in camouflage outfits, came to the #Baisaran meadow and opened fire with American-made M4 carbine assault rifles and AK-47s.
---विज्ञापन---A source said 2 are believed… pic.twitter.com/X1loxnFyuk
— The Indian Express (@IndianExpress) April 23, 2025
कितनी घातक हैं स्टील बुलेट्स?
तालिबान इन हथियारों को समय-समय पर आतंकी गुटों को बेचता रहता है। एजेंसियां मानकर चल रही हैं कि ISI की मदद से ये हथियार TRF को मिले हैं। एके-47 से जो गोलियां चलाई गईं, वे गोलियां स्टील से बनी हैं, जो बुलेट प्रूफ जैकेट को भी भेद सकती हैं। इन स्टील बुलेट्स को चीन बनाता है। पाकिस्तान इन गोलियों का सबसे बड़ा खरीदार है। आशंका है कि इन गोलियों को पाकिस्तान ने खरीदा, बाद में आतंकी गुटों को मुहैया करवाया गया। वहीं, चारों आतंकी हमले की पूरी तैयारी करके आए थे।
पाक सेना से ट्रेंड थे आतंकी
माना जा रहा है कि इनको पाक सेना ने ट्रेंड किया था। चारों आतंकियों के पास बैग थे, जिनमें ड्राई फ्रूट्स थे। शुरुआती जांच में पता लगा है कि लोकल मॉड्यूल की मदद से सुनियोजित ढंग से हमले को अंजाम दिया गया। आतंकी किश्तवाड़ के रास्ते कोकेरनाग होते हुए बैसरन पहुंचे थे। खुफिया एजेंसियों को पहले ही इलाके में बाहरी आतंकियों के मौजूद होने का इनपुट मिला था। यह भी आशंका थी कि IED ब्लास्ट किया जा सकता है। फिलहाल एजेंसियां पता लगा रही हैं कि इन आतंकियों का किस लोकल मॉड्यूल ने साथ दिया? फिलहाल आसपास के इलाके में सर्च ऑपरेशन के अलावा लोगों से पूछताछ भी की जा रही है।
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