आसिफ सुहाफ, जम्मू
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबल अलर्ट पर हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस भी अलगाववादी संगठनों के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपना चुकी है। बुधवार को पुलिस ने श्रीनगर शहर में अलग-अलग जगहों पर लाउडस्पीकर के जरिए घोषणा की है कि लोग इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन और मीरवाइज उमर फारूक की अगुआई वाली अवामी एक्शन कमेटी जैसे अलगाववादी संगठनों से खुद को अलग रखें। पुलिस ने इससे संबंधित पोस्टर भी लगाए हैं, क्योंकि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद से सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में आतंकवादियों, उनके समर्थकों और अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है।
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पुलिस का कहना है कि इन संगठनों के साथ जो कोई भी संबंध रखेगा, उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। लाउडस्पीकर पर ऐलान करने के अलावा पुलिस जगह-जगह पोस्टर भी चिपका रही है। कश्मीर के चप्पे-चप्पे पर निगरानी की जा रही है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अलगाववादी और आतंकी संगठन से अलग रहें। बता दें कि इत्तेहादुल मुस्लिमीन और अवामी एक्शन कमेटी अलगाववादी समर्थक धार्मिक संगठन हैं, जिनके खिलाफ सख्ती की गई है।
जम्मू कश्मीर पुलिस pic.twitter.com/dqcCnYByXA
— parmod chaudhary (@parmoddhukiya) April 30, 2025
हमले में बड़े आतंकी का हाथ
इसी बीच पहलगाम आतंकी हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमले से पहले आतंकियों ने अपने ओवरग्राउंड वर्करों का नेटवर्क तैयार किया था। इन्हीं लोगों ने हमले में पाकिस्तानी आतंकियों की मदद की। हमले में फारुख अहमद नाम के आतंकी की भूमिका भी सामने आई है, जो लश्कर का टॉप कमांडर माना जाता है। बताया जा रहा है कि फारुख कश्मीर में 3 सेक्टरों से आतंकियों की घुसपैठ करवाता है। उसे घाटी के रास्तों की अच्छी जानकारी है।
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वहीं, पुलिस ने बांदीपोरा इलाके से 3 लोगों को अरेस्ट किया है। इन लोगों की पहचान दानिश अहमद, अतहर अहमद और मोहम्मद सरताज के तौर पर हुई है। आरोपियों के पास से कुछ हथियार भी बरामद किए गए हैं। पहलगाम हमले के बाद आतंकियों की तलाश में सेना जोर-शोर से जुटी है।