जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का कनेक्शन फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास से बताया जा रहा है। जी हां, खुफिया सूत्रों के हवाले से पहलगाम आतंकी हमले की जांच करते समय यह जानकारी सामने आई है कि पहलगाम हमले का कनेक्शन हमास के टॉप 3 कमांडरों से हो सकता है, जो 6 महीने पहले पाकिस्तान में एक्टिव थे। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा और उसके आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने तो ली है, लेकिन साजिश में हमास भी शामिल है।
क्योंकि पहलगाम में जिस तरह से एक-एक को नाम पूछकर एक-एक को गोली मारी गई, वह तरीका हमास का है। इसलिए कहा जा रहा है कि पहलगाम आतंकी हमले का कनेक्शन हमास से हो सकता है। भारत की सुरक्षा एजेंसियां इस इनपुट के पुख्ता सबूत जुटाने का प्रयास कर रही हैं। अगर इनपुट सच निकला तो भारत भी हमास को आतंकी संगठन घोषित कर देगा, जबकि भारत ने अभी तक ऐसा नहीं किया है।
Lashkar-e-Taiba (LeT) deputy chief Saifullah Kasuri says these men arent theirs..
---विज्ञापन---Denies role in #PahalgamTerrorAttack pic.twitter.com/kb3hZzHAHW
— Nabila Jamal (@nabilajamal_) April 24, 2025
लश्कर-जैश के आतंकियों संग दिखे तीनों कमांडर
खुफिया सूत्रों के अनुसार, हमास के टॉप 3 कमांडर डॉ खालिद कद्दूमी, डॉ नाजी जहीर और मुफ्ती आजम पिछले 6 महीने से पाकिस्तान में कैंपिंग कर रहे हैं। पता चला है कि हमास के यह तीनों कमांडर जैश, लश्कर के संपर्क में हैं। दोनों आतंकी संगठनों के आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। रावलकोट में हुई एक रैली में भी हमास के तीनों कमांडरों को देखा जा चुका है। रावलकोट में हुई रैली भारत विरोधी रैली थी। इस रैली को कश्मीर सॉलिडेरिटी एंड हमास ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड नाम दिया गया था।
रैली में मोस्ट वांटेड टेररिस्ट मसूद अजहर का भाई तल्हा सैफ भी आया था। जैश कमांडर असगर खान, मसूद इलियास को भी देखा गया था। हमास कमांडर कद्दूमी ने भी रैली को संबोधित किया था। कद्दूमी POK में भी रहा। वह लश्कर के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी से भी मिला था। कद्दूमी इजराइली हमलों का शिकार होने से बचा हमास का टॉप कमांडर है। कद्दूमी पाकिस्तान की संसद में भी भारत के खिलाफ जहर उगल चुका है।