चार महीने बाद एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) ध्रुव को फिर से उड़ान की अनुमति मिल गई है। सेना और वायुसेना के लिए यह फैसला स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के लिहाज से बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। इस साल 5 जनवरी को हुए हादसे के बाद उड़ान रोकने का फैसला लिया गया था। हादसे के बाद हेलीकॉप्टर की सुरक्षा और विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठने लगे थे। इसके चलते उड़ान रोकी गई थी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करने में जुटा है।
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ऐसे में यह फैसला काफी बड़ा माना जा रहा है। इन हेलीकॉप्टरों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की ओर से किया गया है। ये एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव सेना और वायुसेना में शामिल किए गए थे। इनके वेरिएंट को चार महीने बाद डिफेक्ट इन्वेस्टिगेशन (DI) कमेटी की सिफारिशों के आधार पर संचालित करने का फैसला लिया गया है। डीआई ने ही हेलीकॉप्टरों की तकनीकी खामियों की समीक्षा की थी।
ALH Army and Air Force Versions Cleared for Operations: In furtherance of the clarification dated 11th April 2025, it is now intimated that the Advanced Light Helicopter (ALH) Dhruv Army and Air Force versions are cleared for operations based on the Defect Investigation (DI)… pic.twitter.com/a8nT1arNce
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) May 1, 2025
5 जनवरी को हुआ था हादसा
इस साल 5 जनवरी को भारतीय तटरक्षक बल (ICG) का एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसके चलते सभी हेलीकॉप्टरों की उड़ान रोकने का फैसला लिया गया था। हादसे के कारणों और हेलीकॉप्टरों की सुरक्षा जांच को लेकर रक्षा मंत्रालय ने एक डिफेक्ट इन्वेस्टिगेशन कमेटी का गठन किया था। इस दौरान रक्षा विंगों और एचएएल ने मिलकर तकनीकी समस्याओं का विश्लेषण किया और हेलीकॉप्टरों में कई सुधार किए थे।
अप्रैल में जारी हुआ था स्पष्टीकरण
पिछले महीने 11 अप्रैल को HAL ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था। इसमें कहा गया था कि जांच प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है। हेलीकॉप्टरों के संचालन को लेकर जल्द फैसला लिया जाएगा। डिफेक्ट इन्वेस्टिगेशन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर अब फिर अनुमति मिल गई है। हेलीकॉप्टरों का संचालन चरणबद्ध तरीके से हो, इसको लेकर भी सेना, वायुसेना में सहमति बन गई है।
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