राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-II में वर्ष 2025 के पद्म पुरस्कारों को प्रदान किया। इस साल कुल 139 पद्म पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें 13 मरणोपरांत पुरस्कार, 10 विदेशी/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई और 23 महिलाएं शामिल हैं।
इन सम्मानित व्यक्तियों में एक नाम जिसने सबका ध्यान आकर्षित किया, वह था जोनास मसेट्टी, जिन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। वे नंगे पांव, सिर पर चोटी, रुद्राक्ष की माला और सिर्फ धोती पहनकर मंच पर पहुंचे, जिससे उपस्थित जनसमूह चकित रह गया। समारोह के दौरान जब उनका नाम पुकारा गया, तो हर किसी के मन में यही सवाल उठने लगा, आखिर कौन हैं जोनास मसेट्टी?
कौन हैं जोनास मसेट्टी?
जोनास मसेट्टी का जन्म ब्राजील में हुआ। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर शेयर बाजार में काम करना शुरू किया। करियर में सफलता के बावजूद उन्हें जीवन में अधूरापन महसूस हुआ और उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग अपनाने का निर्णय लिया।
President Droupadi Murmu presents Padma Shri in the field of Spiritualism to Acharya Jonas Masetti. Acharya Masetti is a Vedanta Acharya dedicated to the teaching and dissemination of Vedanta, Sanskrit, and Vedic culture. He has been acknowledged as an Ambassador of the Vedic… pic.twitter.com/eFCJxEEjLV
---विज्ञापन---— President of India (@rashtrapatibhvn) May 27, 2025
इसके बाद वे भारत आए और तमिलनाडु स्थित स्वामी दयानंद सरस्वती के आश्रम में वेदांत और योग की शिक्षा प्राप्त की। आध्यात्मिक शिक्षा के बाद वे ब्राजील लौटे और ‘विश्व विद्या’ नामक संस्था की स्थापना की, जो आज वेदांत, योग, संस्कृत, भगवद गीता और रामायण का वैश्विक प्रचार-प्रसार कर रही है। आज उनकी शिक्षाओं से लगभग 1.5 लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं।
जोनास मसेट्टी ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, “मुझे पद्म श्री की उम्मीद नहीं थी। यह मेरे लिए ही नहीं, बल्कि इस परंपरा और मेरे पूरे परिवार के लिए सम्मान की बात है। मैं पहले शेयर बाजार में काम करता था और बड़ी-बड़ी कंपनियों से जुड़ा था, लेकिन भीतर से खालीपन महसूस करता था। भारत आने के बाद मैंने वेदांत सीखा और मेरा जीवन बदल गया।”
#WATCH | Delhi | On being conferred with the Padma Shri, Jonas Masetti, founder of Vishva Vidya Gurukulam in Brazil, says, “I was not expecting this. It’s a great honour… Many people in Brazil are studying Vedanta, and this is an honour not just for me but for our family… pic.twitter.com/uDKvPrEL5z
— ANI (@ANI) May 28, 2025
पीएम मोदी ने की थी सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में जोनास मसेट्टी का उल्लेख किया था। वर्ष 2020 में उन्होंने कहा था कि कुछ लोग भारत की तलाश में आए और यहीं बस गए, जबकि कुछ भारत के सांस्कृतिक राजदूत बनकर अपने देशों में लौट गए। मुझे जोनास मसेट्टी के कार्यों के बारे में जानकर खुशी हुई, जिन्हें ‘विश्वनाथ’ के नाम से भी जाना जाता है। वे ब्राजील में वेदांत और गीता की शिक्षा दे रहे हैं।”
The culture of India is gaining popularity all over the world.
One such effort is by @JonasMasetti, who is based in Brazil and popularises Vedanta as well as the Gita among people there.
He uses technology effectively to popularise our culture and ethos. #MannKiBaat pic.twitter.com/NX4jZtPzJX
— PMO India (@PMOIndia) November 29, 2020