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‘पाकिस्तान के परमाणु उपयोग का कोई संकेत नहीं’, संसदीय समिति की बैठक में विदेश सचिव ने सैन्य कार्रवाई पर दिया जवाब

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक हुई, जिसमें सत्तारूढ़ पाटियों के साथ विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया। इस मीटिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना की सैन्य कार्रवाई पर जानकारी दी।

Author Reported By : Kumar Gaurav Edited By : Deepak Pandey Updated: May 19, 2025 19:40
Vikram Misri
विदेश सचिव विक्रम मिस्री।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को संसदीय समिति की बैठक में जानकारी दी। उन्होंने भारत की सैन्य कार्रवाई को लेकर कहा कि पाकिस्तान की ओर से परमाणु उपयोग का कोई संकेत नहीं मिला है। आइए जानते हैं कि विदेश सचिव ने क्या-क्या जानकारी दी?

सूत्रों के अनुसार, संसदीय समिति की बैठक में विपक्ष ने विदेश मंत्री के बयान का मुद्दा उठाया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसदीय समिति के सामने मिलिट्री ऑपरेशन रोके जाने के सवाल पर कहा कि हमारी कोई भूमिका नहीं है। पाकिस्तान के अनुरोध पर सैन्य कार्रवाई रोकी गई।

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ट्रंप की मध्यस्थता के मुद्दे पर क्या बोले विदेश सचिव?

सोर्सेज के अनुसार, कन्वेंशनल युद्ध और नॉन कन्वेंशनल युद्ध के मुद्दे पर विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष पारंपरिक था। पाकिस्तान की ओर से कोई परमाणु उपयोग का संकेत नहीं दिया गया है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के मुद्दे पर कहा कि सीजफायर पूर्णतया द्विपक्षीय आधार पर हुआ। इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी। भारत को क्या नुकसान हुआ? इस मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा कि हम सुरक्षा कारणों से इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दे सकते हैं।

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पाकिस्तान को एक्शन की जानकारी देने पर विक्रम मिस्री ने क्या दिया जवाब?

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसदीय समिति को बताया कि जब भारतीय सेना ने पहले दिन 9 जगहों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत अटैक किया था, उसके बाद हमने उनको ये जानकारी दी थी कि हमने उनके आतंकी ठिकानों पर हमला किया है, लेकिन इसके आगे की सैन्य कार्रवाई पर कोई बातचीत नहीं हुई।

विदेश मंत्री ने तुर्की से संबंध पर भी दी जानकारी

तुर्की और चीन द्वारा पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने तक सवाल उठाए गए। इसके अलावा सदस्य यह भी जानना चाहते थे कि इस क्षेत्र में शांति का क्या भविष्य है? अगर हम पाकिस्तान से बातचीत नहीं कर रहे हैं तो आगे क्या? विदेश सचिव ने इन सभी सवालों के जवाब में कहा कि बीते कई दशकों से ऐतिहासिक रूप से तुर्की के साथ भारत के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं और पाकिस्तान के साथ कैसे रिश्ते हैं, ये बताने की जरूरत नहीं है।

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First published on: May 19, 2025 06:43 PM

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