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ऑपरेशन सिंदूर से दिखी भारत की ताकत, सेना की बहादुरी और सफलता पर बोले DRDO चीफ

DRDO Chief on Indian Defence System: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अध्यक्ष समीर वी. कामत ने ऑपरेशन सिंदूर पर बात की। उन्होंने कहा कि 'भारत का हालिया ऑपरेशन सिंदूर रक्षा प्रौद्योगिकी में देश की बढ़ती आत्मनिर्भरता का सुबूत है, जिसमें स्वदेशी प्रणालियां अच्छे परिणाम दे रही हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shabnaz Updated: Aug 10, 2025 13:18
DRDO Chief on Indian Defence System
Photo Credit- Social Media

DRDO Chief on Indian Defence System: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पूरी दुनिया में अपने नाम का डंका बजाया है। हाल ही में रक्षा उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान (DIAT) के दीक्षांत समारोह में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अध्यक्ष समीर वी. कामत पहुंचे। वहां पर उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बात की। उन्होंने कहा कि ‘पश्चिमी सीमाओं पर बहुआयामी मिशन ने सैनिकों की बहादुरी और उनकी सफलता सुनिश्चित करने वाली तकनीकी रीढ़ दोनों को उजागर किया है।

हमारी उमदा रक्षा प्रणाली है- कामत

समीर वी. कामत ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि ‘मैं इस बात को गर्व के साथ कह सकता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में हवा में मार करने वाली मिसाइलें, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, डी4 ड्रोन प्रणाली, अर्ली वॉर्निंग देने वाली तकनीक, कंट्रोल प्लेटफॉर्म, आकाशतीर वायु रक्षा नियंत्रण प्रणाली और उन्नत सी4आई प्रणाली का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘DIAT जैसे संस्थान इन उपलब्धियों में खास भूमिका निभाते हैं।’

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‘2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है’

समीर वी. कामत ने इस मिशन को एक सैन्य अभियान से कहीं ज्यादा बताया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता, रणनीतिक दूरदर्शिता और स्वदेशी नवाचार के जरिए भारत की मजबूती से खड़े होने की क्षमता पर बात की। उन्होंने छात्रों से इसको बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि ‘भारत का लक्ष्य 2047 तक एक विकसित राष्ट्र और ग्लोबली खुद को साबित करना है।’

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DRDO के अध्यक्ष ने ग्रेजुएट्स से कहा कि आप सामान्य नहीं हैं। आप साइबर सुरक्षा, मिसाइल प्रणाली, रोबोटिक्स, क्वांटम तकनीक, AI और इंजीनियरिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के विशेषज्ञ हैं। इस तरह के स्किल्स का सीधा असर देश की सुरक्षा पर पड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि तेजी से अस्थिर होते जियोपॉलिटिकल माहौल में, स्टील्थ तकनीक, साइबर सुरक्षा, स्पेस रेसिस्टेंस और AI-आधारित सिस्टम के विकास में उनकी विशेषज्ञता बेहद खास होगी।

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First published on: Aug 10, 2025 01:18 PM

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