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पाकिस्तानी गोलाबारी से तबाह हुए सीमावर्ती घरों को 25 करोड़ का राहत पैकेज, केंद्र सरकार ने की घोषणा

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी गोलाबारी से तबाह हुए घरों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2060 क्षतिग्रस्त घरों के लिए 25 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे का ऐलान किया है। यह राहत पैकेज जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी लागू होगा, जिससे हजारों प्रभावित परिवारों को नई उम्मीद मिलेगी। पढ़ें, प्रशांतदेव की रिपोर्ट...

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 9, 2025 23:11
Operation Sindoor
गोलीबारी में क्षतिग्रस्त हुए घर credit- gfx

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी गोलाबारी ने भारी तबाही मचाई थी। घर, स्कूल, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, और व्यावसायिक संपत्तियां क्षतिग्रस्त हुईं, जिससे सैकड़ों परिवार बेघर हो गए थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने तुरंत हरकत में आते हुए राहत कार्य शुरू किए। गृह मंत्रालय ने विशेष मामले के तौर पर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 2 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 1 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा घोषित किया। इसके चलते 25 करोड़ की धनराशि 2060 घरों के लिए आवंटित की गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मुआवजे को तुरंत लागू करने के निर्देश दिए है।

जान गंवाने वालों के परिजनों को मिली नौकरी

शाह ने 29-30 मई 2025 को पुंछ का दौरा किया था, जहां उन्होंने गोलाबारी में जान गंवाने वालों के परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे थे। इसके साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में गोलाबारी से हुए नुकसान के लिए पहले से तय मानदंडों के तहत मुआवजा भी तुरंत वितरित किया गया।

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गोलीबारी के बाद प्रशासन ने शुरू किए थे बचाव कार्य

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में गोलाबारी की कई घटनाओं के बाद प्रशासन को अलर्ट मोड आ गया था। रिहायशी इलाकों और धार्मिक स्थलों पर हमलों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। इस पर प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू किए थे। कुल 3.25 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इनमें से करीब 15,000 लोगों को 397 आश्रय केंद्रों में ठहराया गया। यहां भोजन, पानी, बिजली, और हेल्थकेयर जैसी बुनियादी सुविधाएं दी गईं।

इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्राथमिकता दी गई। 394 एम्बुलेंस तैनात की गईं, जिनमें से 62 अकेले पुंछ जिले में थीं। इसके अलावा, 2818 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को स्वास्थ्य, अग्नि, आपातकालीन सेवाओं, पशुधन, और जरूरी सप्लाई के लिए लगाया गया। ये स्वयंसेवक दिन-रात प्रभावितों की मदद में जुटे रहे, जिससे संकट के समय व्यवस्था बनी रही।

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First published on: Jun 09, 2025 11:11 PM

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