JPC Chairman PP Chaudhary On One Nation One Election Bill : पिछले दिनों लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन बिल पेश किया गया था, जहां विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद मोदी कैबिनेट ने विस्तार से विचार विमर्श के लिए इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेज दिया। इस बिल को लेकर अब आगे क्या होगा? जेपीसी चेयरमैन ने खुद पूरी प्लानिंग बताई है।
बीजेपी सांसद और वन नेशन वन इलेक्शन बिल के लिए गठित जेपीसी के चेयरमैन पीपी चौधरी ने राजस्थान के जोधपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पहले लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ हुए करते थे। 1950-51 से लेकर 1967 तक मान सकते हैं। बाद में विधानसभा भंग होने की वजह से यह क्रम टूट गया। जो शक्तियां बाबा साहेब ने दी थीं, उनका सही तरीके से पालन नहीं हुआ। उस समय कई सरकारों को भंग किया गया था।
#WATCH | Jodhpur, Rajasthan: BJP MP and Chairman of JPC for One Nation-One Election, P.P. Chaudhary said, “… It has been felt that due to repeated elections, the expenditure increases a lot and the public is burdened. Machinery is deployed from time to time in different… pic.twitter.com/3z6rMK5Hyk
— ANI (@ANI) December 22, 2024
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क्यों जरूरी है वन नेशन वन इलेक्शन बिल?
उन्होंने आगे कहा कि लंबे समय के बाद यह महसूस किया गया है कि बार-बार चुनाव होने से खर्च बहुत बढ़ जाता है और जनता पर बोझ पड़ता है। अलग-अलग चुनावों में समय-समय पर मशीनरी तैनात की जाती है, जिससे काफी नुकसान होता है। आचार संहिता के कारण विकास कार्य गति नहीं पकड़ पाते और इससे देश को नुकसान हो रहा है, इसलिए वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए जेपीसी का गठन किया गया है।
JPC चेयरमैन ने बताई प्लानिंग
पीपी चौधरी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री का विजन है- वन नेशन वन इलेक्शन। जेपीसी में लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सांसद हैं। जेपीसी समय-समय पर स्टेट होल्डर एवं हितधारकों से मुलाकात करेगी और उनकी बातों को सुना जाएगा। इसके बाद समिति निर्णय लेकर सरकार को अपनी सिफारिश सौंपेगी। फिर सरकार उसके अनुसार अपना फैसला लेगी। 2047 में विकसित भारत का सपना तब पूरा होगा, जब काम की गति बढ़ेगी। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के कुछ दिनों के बाद पंचायत और नगर पालिका के इलेक्शन भी साथ होंगे।