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‘One Nation-One Election’ बिल इसी सत्र में होगा पास! जानें सरकार का क्या है प्लान?

One Nation-One Election Bill: वन नेशन वन इलेक्शन बिल को सरकार इसी सत्र में पास कर सकती है।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Dec 9, 2024 18:59
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One Nation-One Election: वन नेशन वन इलेक्शन बिल को मोदी सरकार इसी सत्र में पास करवा सकती है। इसके बाद इसे जेपीसी को भेजा जा सकता है। मोदी सरकार चाहती है कि ‘एक देश, एक चुनाव’ के बिल पर आम सहमति बन जाए। जेपीसी इस बिल को लेकर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के साथ चर्चा करेगी। वहीं, सभी राज्यों के विधानसभा स्पीकरों को भी चर्चा के लिए बुलाया जा सकता है। अगर बिल को इस सत्र में नहीं लाया जाता तो संभवत: अगले सत्र में सरकार पेश कर सकती है। जिसके बाद इसे चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जाएगा। वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर रामनाथ कोविंद समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी। जिसे मोदी कैबिनेट से हरी झंडी मिल चुकी है।

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सरकार इस बिल को लेकर आम सहमति चाहती है। आम लोगों और बुद्धिजीवियों से भी इसको लेकर राय ली जा सकती है। इस योजना के फायदों और इसे कैसे चलाया जाए, के बारे में भी सरकार चर्चा करेगी? पूर्व प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद की अगुआई में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने 62 राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के साथ चर्चा की थी। इनमें 32 पार्टियां वन नेशन वन इलेक्शन के पक्ष में थीं। वहीं, 15 पार्टियों ने इस योजना का विरोध किया था। 15 पार्टियों ने कोई जवाब नहीं दिया था। मोदी सरकार शुरू से ही वन नेशन वन इलेक्शन के पक्ष में रही है। 2024 आम चुनाव के घोषणा पत्र में भी बीजेपी ने इसका जिक्र किया था। बीजेपी ने वादा किया था कि कमेटी की सिफारिशों को लागू करने को लेकर प्रयास किया जाएगा।

लोकसभा में चाहिए 362 सांसदों का समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 15 अगस्त को लाल किले पर भाषण देते समय इसका जिक्र किया था। उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे एक देश एक चुनाव के लिए आगे आएं। मोदी ने कहा था कि बार-बार चुनाव होने की वजह से देश की तरक्की में गतिरोध और रुकावट पैदा होती है। हर छह महीने में देश में कहीं न कहीं चुनाव होते हैं। जिसकी वजह से योजनाएं चुनावी मुद्दा बन जाती हैं। इस बिल को पास कराने के लिए लोकसभा में 362 सांसदों का समर्थन जरूरी है। वहीं, राज्यसभा में पास होने के लिए 163 सदस्यों का समर्थन जरूरी है। कम से कम 15 राज्यों की विधानसभा में भी इस बिल को पास होने के बाद लागू किया जा सकता है। अंत में राष्ट्रपति की स्वीकृति जरूरी है।

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First published on: Dec 09, 2024 06:40 PM

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