Indian Armed Forces: भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) में कोई भी महिला अभी तक स्पेशल फोर्स में शामिल होने योग्य नहीं हैं। सरकार ने कहा कि एक भी महिला विशेष बल में शामिल होने के लिए अर्हता प्राप्त नहीं कर पाई है, हालांकि उनमें से कुछ ने स्वेच्छा से यूनिट्स में शामिल होने की इच्छा जताई है।
रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक लिखित उत्तर में लोकसभा को बताया कि बिना किसी लैंगिक भेदभाव के विशेष बलों में शामिल हों, बशर्ते वे चयन गुणात्मक आवश्यकताओं (क्यूआर) को पूरा करें और सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करें।
एयरफोर्स में दो महिलाएं ट्रेनिंग पास नहीं कर सकीं
भट्ट ने कहा कि भारतीय वायु सेना में अब तक कुल दो महिला अधिकारियों ने विशेष बलों के प्रशिक्षण के लिए स्वेच्छा से भाग लिया है, लेकिन वे प्रशिक्षण पास नहीं कर सकीं। उन्होंने कहा कि इंडिनय नेवी में 20 महिला अग्निवीर (नाविक) विशेष बलों में शामिल होने के लिए योग्यता परीक्षा में शामिल हुई थीं। हालांकि, इनमें से कोई भी योग्य नहीं थीं।
बता दें कि सेना के पारा स्पेशल फोर्स, नौसेना के समुद्री कमांडो और भारतीय वायुसेना के गरुड़ कमांडो को महीनों की कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। स्पेशल फोर्स का सदस्य बनने के लिए अर्हता प्राप्त करने से पहले उन्हें शारीरिक और मानसिक फिटनेस को बनाए रखने की जरूरत होती है।
योग्य होने के बाद होती है स्पेशल ट्रेनिंग
एक बार योग्य होने के बाद, वे उस विशेष कार्य के लिए स्पेशल ट्रेनिंग से गुजरते हैं। उदाहरण के लिए, सेना के पास ऐसे स्पेशल फोर्स हैं जिनमें शामिल जवान रेगिस्तान, जंगलों, पहाड़ों और आतंकवाद विरोधी भूमिकाओं में विशेषज्ञता रखते हैं।
बता दें कि महिलाएं सेना में पैराशूट यूनिट्स में काम करती हैं, लेकिन स्पेशल फोर्स यूनिट्स में नहीं। पिछले कुछ वर्षों में तीनों सेनाओं ने महिलाओं के लिए और हाल ही में अग्निवीरों के रूप में अपनी कई ब्रांच खोली हैं। तीनों सेनाओं में सबसे बड़ी होने के नाते मिलिट्री में महिला अधिकारियों की संख्या सबसे अधिक 1,705 है।