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निमिषा प्रिया की फांसी टली, यमन में कल दी जानी थी सजा

Nimisha Priya Execution: निमिषा प्रिया की फांसी की सजा टल गई है। निमिषा को कल यमन में दी जाने वाली मौत की सजा पर फिलहाल रोक लग गई है। निमिषा के अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या के मामले में फांसी की सजा दी गई थी। साल 2018 से निमिषा यमन की सना सेंट्रल जेल में कैद है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Jul 15, 2025 14:20
Nimisha Priya | Yemen Jail | Murder Case

Nimisha Priya Latest Update: भारतीय मूल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टल गई है। निमिषा को कल 16 जुलाई दिन बुधवार को यमन में मौत की सजा दी जानी थी, लेकिन निमिषा की फांसी पर फिलहाल रोक लग गई है। सरकार के सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि निमिषा पिछले 8 साल से यमन की जेल में बंद है। वह यमन के एक नागरिक की हत्या करने की दोषी है। निमिषा को साल 2017 में गिरफ्तार किया गया था। साल 2020 में उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी। निमिषा साल 2017 से यमन की सना सेंट्रल जेल में कैद है और उसे 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी, लेकिन अब सजा पर रोक लग गई है।

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सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास

सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि यमन के स्थानीय अधिकारियों ने 16 जुलाई 2025 को निर्धारित निमिषा की फांसी की सजो को स्थगित कर दिया है। भारत सरकार मामले में शुरुआत से ही हरसंभव सहायता निमिषा के परिवार को प्रदान कर रही है। सरकार ने हाल के दिनों में निमिषा प्रिया के परिवार को दूसरे पक्ष के साथ बातचीत करके सहमति से समाधान निकालने के लिए और समय देने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। भारतीय अधिकारी यमन की सना जेल के अधिकारियों और यमन के स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। सरकार के प्रयासों से ही निमिषा की सजा का स्थगन संभव हो पाया है।

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क्या है निमिषा प्रिया का मामला?

बता दें कि भारत के केरल राज्य के पलक्कड़ जिला निवासी निमिषा प्रिया को यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। निमिषा और महदी बिजनेस पार्टनर थे। निमिषा साल 2008 में यमन गई थी। निमिषा यमन के सरकारी अस्पताल में नर्स थी, लेकिन साल 2014 में उसने महदी के साथ मिलकर अस्पताल खोल लिया, लेकिन अचानक दोनों में विवाद हो गया। निमिषा ने महदो पर पैसे चुराने, पासपोर्ट जब्त करने और शारीरिक-मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। साल 2017 में निमिषा ने भारत आने के लिए महदी से पासपोर्ट मांगा, लेकिन उसने पासपोर्ट नहीं दिया।

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पासपोर्ट के विवाद में हुई थी हत्या

निमिषा ने महदी को नशे का इंजेक्शन लगा दिया और अपना पासपोर्ट ले लिया, लेकिन ड्रग की ओवरडेज के कारण महदी की मौत हो गई। निमिषा ने अपना जुर्म छिपाने के लिए दोस्त के साथ मिलकर महदी के शव के टुकड़े करके पानी के टैंक में डाल दिए। इस अपराध के लिए निमिषा को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई गई। साल 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने उसकी रहम की अपील खारिज कर दी। साल 2024 में यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने निमिषा की फांसी की सजा को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने उसकी फांसी की तारीख 16 जुलाई 2025 निर्धारित की।

First published on: Jul 15, 2025 01:49 PM

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