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क्या ब्लड मनी के बिना बच सकती है निमिषा प्रिया की जान? बचाव के कितने और कौन-कौन से रास्ते

Nimisha Priya Execution: निमिषा प्रिया की जान बचाने के लिए रास्ते बंद होते जा रहे हैं। यमन में निमिषा को 16 जुलाई को फांसी की सजा दी जानी है। ब्लड मनी समेत 6 रास्ते निमिषा की जान बचाने के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन किसी भी तरीके से निमिषा की जान बचने की उम्मीद खत्म हो रही है। आइए जानते हैं कि क्या ब्लड मनी निमिषा की जान बचा सकती है या नहीं?

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Jul 15, 2025 09:41
Nimisha Priya | Kerala Nurse | Death Sentence
निमिषा प्रिया को साल 2020 में फांसी की सजा सुनाई गई थी।

Nimisha Priya Execution Update: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को कल 16 जुलाई दिन बुधवार को यमन में फांसी दी जानी है। निमिषा की मां पिछले एक साल से बेटी को बचाने के लिए यमन में डेरा डाले हुए हैं। सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल भी उसकी जान बचाने की कोशिश कर रही है। निमिषा की जान बचाने का एक रास्ता ब्लड मनी है, लेकिन इससे निमिषा की जान बचने की उम्मीद खत्म होती जा रही है, क्योंकि पीड़ित परिवार ने अभी तक 10 लाख डॉलर (लगभग 8.5 करोड़ रुपये) की ब्लड मनी का ऑफर स्वीकार नहीं किया है। सितंबर 2024 के बाद से ब्लड मनी पर बात ही नहीं हुई है।

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ब्लड मनी आखिरी पल तक बनी रहेगी उम्मीद

फिर भी आखिरी पल तक निमिषा की जान बचाने का रास्ता ब्लड मनी ही है। क्योंकि इस्लामी शरिया कानून के अनुसार, ब्लड मनी, जिसे दियाह भी कहते हैं, एक ऐसा प्रावधान है, जिसके जरिए किसी की भी जान बचाई जा सकत है। अगर तलाल अब्दो महदी का परिवार आर्थिक मुआवजा स्वीकार कर ले तो निमिषा को माफी मिल सकती है। निमिषा की जान बचाने का सबसे व्यवहारिक और कानूनी रास्ता ब्लड मनी है। निमिषा ने साल 2017 में तलाल की हत्या कर दी थी और उसके शव के टुकड़े करके टैंक में डाल दिए थे। इस अपराध के लिए साल 2020 में निमिषा को यमन की कोर्ट ने फांसी की सजा दी थी।

निमिषा को बचाने के क्या हैं दूसरे रास्ते?

ब्लड मनी के बिना निमिषा प्रिया की जान बचाने की संभावना बहुत कम है। वैसे ब्लड मनी के अलावा निमिषा प्रिया की जान कूटनीतिक प्रयासों से, राष्ट्रपति के क्षमादान से, कानूनी अपील करके, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के दबाव से, मानवाधिकार का इस्तेमाल करके, मानवीय आधार पर माफी मांगकर बचाई जा सकती है, लेकिन कानूनी अपील और अंतर्राष्ट्रीय दबाव जैसे विकल्प सैद्धांतिक रूप से तो संभव हैं, लेकिन यमन में जिस तरह के राजनीतिक हालात और कानूनी व्यवस्था है, इन प्रयासों की  सफलता नामुमकिन हैं। निमिषा की मां प्रेमकुमारी और सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम पीड़ित परिवार को ब्लड मनी स्वीकारने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अगर ब्लड मनी नहीं ली गई तो बाकी विकल्प भी बंद ही हैं।

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ब्लड मनी के बिना बचाने की संभावना

कूटनीतिक रणनीति

भारत सरकार कूटनीतिक हस्तक्षेप करके निमिषा की जान बचा सकती है, लेकिन यमन में गृहयुद्ध चल रहा है। हूती विद्रोहियों का कंट्रोल है, इसलिए भारत के राजनयिक यमन के अधिकारियों से बात करें तो भी वे कुछ नहीं कर पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में भी मोदी सरकार अपनी तरफ से पक्ष रखते हुए कहा चुकी है कि उन्होंने कूटनीतिक स्तर पर प्रयास किए, लेकिन यमन ने निमिषा की फांसी को नाक का सवाल बना लिया है।

राष्ट्रपति से क्षमादान

यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी क्षमादान देकर निमिषा की जान बचा सकते हैं। उन्होंने ही जनवरी 2025 में निमिषा की फांसी को मंजूरी दी थी। शरिया कानून में प्रावधान है कि राष्ट्रपति क्षमादान देकर जान बख्श सकते हैं, लेकिन मजबूत राजनयिक या मानवीय आधार क्षमादान की अपील के लिए जरूरी है, लेकिन राष्ट्रपति के क्षमादान देने के अभी तक कोई संकेत नहीं मिले हैं।

अंतर्राष्ट्रीय दबाव

सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल और अन्य मानवाधिकार संगठन निमिषा की जान बचाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन यमन की वर्तमान राजनीतिक स्थिति में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से दबाव बनाने की कोशिश नाकामयाब हो सकती है।

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कानूनी प्रक्रिया

निमिषा की जान बचाने के लिए आखिरी कानूनी अपील नवंबर 2023 में की गई थी, जो यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने खारिज कर दी थी। भारत में सुप्रीम कोर्ट में निमिषा केस की सुनवाई 18 जुलाई 2025 को होनी है, लेकिन बीते दिन 14 जुलाई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यमन का अपना निजी मामला है। वहां के कानून अलग हैं। भारत सिर्फ कोशिश कर सकता है, ऐसे में कानूनी अपील से निमिषा की जान बचने की संभावना न के बराबर है।

मानवीय भूल

निमिषा का परिवार मानवीय आधार पर उसे माफी देने की अपील यमन की कोर्ट, पुलिस और पीड़ित परिवार से कर सकता है, लेकिन इस प्रयास की सफलता भी नामुमकिन है, क्योंकि निमिषा की तरफ से की गई ब्लड मनी पीड़ित परिवार पहले ही स्वीकार नहीं कर रहा है। ऐसे में वह निमिषा की यह दलील कैसे मानेगा कि वह तलाल को मारना नहीं चाहती थी, गलती से ओवडोज दी गई, जिससे उसकी जान चली गई। मानवीय भूल मानकर माफी दे दी जाए।

First published on: Jul 15, 2025 07:59 AM

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