New Year 2024 will be leap year: बचपन से सुनते आए हैं कि हर 4 साल बाद फरवरी में हमें एक दिन एक्स्ट्रा मिलेगा। मतलब हर 4 साल बाद लीप वर्ष। 2020 के बाद 2024 भी Leap Year है, जिसमें 366 दिन हैं। अब तक हमें यही बताया गया है कि हर चौथे साल हमें 365 नहीं 366 दिन मिलते हैं, लेकिन अगर हम आपसे कहें कि ऐसा नहीं है तो? जी हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि हर चार साल बाद फरवरी 29 दिन की हो।
पूरी दुनिया नए साल का जश्न मना रही है। साल की शुरुआत में लोग इसे खास बनाने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं। यह साल भी अपनेआप में स्पेशल है। नए साल 2024 में एक खास बात यह है कि इसबार फरवरी महीने में एक दिन ज्यादा होगा। यानी इसबार फरवरी 28 दिन की न होकर 29 दिन की होगी। इसे लीप इयर कहा जाता है। इसके पहले साल 2020 लीप इयर था। 2024 के बाद 2028 लीप इयर होगा। एक साल में 365 दिन होते हैं लेकिन हर चार साल बाद 366 दिन होते हैं। यह हर चार साल बाद रिपीट होता रहता है।
4 साल में क्यों होता है लीप इयर
इसकी वजह यह है कि पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकेंड लगते हैं। 365 दिन के बाद वाला यह अतिरिक्त समय ही हर चार साल बाद जुड़कर एक दिन बन जाता है जिससे साल में 366 दिन हो जाते हैं। यह एक एक्स्ट्रा दिन फरवरी के महीने में जुड़ता है, क्योंकि फरवरी साल का सबसे छोटा महीना है। लेकिन क्या आपको पता है कि हर चार साल के बाद लीप इयर नहीं आता है।
हर चार साल में क्यों नहीं आता
आमतौर पर लोग जानते हैं कि हर चार साल के बाद फरवरी 29 दिन की ही होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। हर चार साल में लीप इयर नहीं आता है। जो साल 100 से विभाजित (डिवाइड) हो जाते हैं, लेकिन 400 से डिवाइड नहीं होते हैं वे लीप इयर नहीं होते हैं। साल 2000 लीप इयर था, लेकिन साल 2100 लीप इयर नहीं होगा। इसकी वजह है कि अगर हम 2000 में 100 से भाग दें तो शेष नहीं बचेगा और 400 से भाग दें तो भी शेष नहीं बचेगा। वहीं 2100 में 100 से भाग देने पर शेष नहीं बचता, लेकिन 2100 में 400 से भाग देने पर शेष बचता है। इसलिए यह लीप ईयर नहीं होगा।
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