Full and Final Settlement Rule: देश में न्यू लेबर कोड आधिकारिक रूप से लागू हो गए हैं, जिन्हें केंद्र सरकार ने 21 नवंबर 2025 को लागू हुआ. करीब 29 पुराने श्रम कानूनों के साथ लागू हुए न्यू लेबर कोड साल 2020 में पारित हो गए थे, लेकिन इन्हें लागू अब किया गया है और इनके तहत देशभर के करीब 40 करोड़ कर्मचारियों के लिए सैलरी, ग्रैच्युटी, ओवरटाइम, लेऑफ के साथ-साथ इंश्योरेंस, मैटरनिटी लीव से जुड़े कई नियम बदल गए हैं. इसी तरह एक बदलाव रिजाइन या टर्मिनेशन के बाद फुल एंड फाइनल सेटलमेंट को लेकर भी हुआ है.
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क्या है सेटलमेंट को लेकर नया नियम?
न्यू लेबर कोड में फुल एंड फाइनल सेटलमेंट को लेकर नया नियम बना है, जिसके अनुसार फुल एंड फाइनल सेटलमेंट 2 दिन के अंदर करना होगा. नए नियम के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी नौकरी से इस्तीफा दे देता है या उसे नौकरी से निकाला जाता है, दोनों ही परिस्थितियों में कंपनी को 2 वर्किंग डे में फुल एंड फाइनल सेटलमेंट करना होगा, जबकि अब से पहले कंपनियां करीब 30 दिन के अंदर फुल एंड फाइनल पेमेंट करती हैं, लेकिन अब कंपनियों को ग्रेच्युटी और लीव एनकैशनमेंट समेत सभी तरह के पेमेंट 2 दिन में ही करने होंगे.
नियम में क्यों किया गया है बदलाव?
न्यू लेबर कोड के तहत फुल एंड फाइनल सेटलमेंट को लेकर नियम बदलने का मकसद कर्मचारियों की फाइनेंशियल सिक्योरिटी को मजबूत करना है, ताकि नौकरी छोड़ने या छूटने की स्थिति में उन्हें आर्थिक तंग का सामना न करना पड़े. फुल एंड फाइनल सेटलमेंट के लिए चक्कर न काटने पड़े. नया नियम सभी कर्मचारियों पर लागू होगा, लेकिन इस नियम से कंपनियों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती हैं. उनके लिए 2 दिन के अंदर फुल एंड फाइनल सेटलमेंट करना काफी हेक्टिक होने के साथ-साथ ऑपरेशनली टफ काम हो सकता है.










