NEET Paper Leak Case: नीट पेपर लीक केस में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे ही चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। अब एक बड़ा कबूलनामा सामने आया है। नीट यूजी यानी अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम से एक दिन पहले ही परीक्षार्थियों को एक सेफ हाउस में ठहराया गया था। यह सेफ हाउस आशुतोष नाम के शख्स के नाम पर किराये पर लिया गया था। इसी सेफ हाउस में परीक्षार्थियों को पेपर रटवाया गया था। आशुतोष ने एक चैनल से बातचीत में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सेफ हाउस में 4 और 5 मई की रात क्या हुआ था? इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी है।
4 मई को मनीष लेकर आया था लोगों को
आशुतोष के अनुसार 4 मई की रात को लगभग 5 या 7 ही परीक्षार्थी आए थे। लेकिन सुबह तक 15 लोग आ गए थे। एक दिन पहले परीक्षार्थियों को उसका दोस्त लेकर आया था। दोस्त का नाम मनीष है, जिसने कहा कि ये सभी लोग मेरी जान-पहचान के हैं, जो नीट का पेपर देने आए हैं। रातभर यहां रुकेंगे और सुबह चले जाएंगे। मैंने अपने भाई प्रभात से उसे बात करने को कहा था। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। 4 मई की रात को 11 बजे मनीष 5-7 लोगों को लेकर आया था। सुबह 15 से अधिक लोग उसके कमरे में मौजूद थे। मनीष के हाथ में पेपर की फोटोकॉपी थी। सभी लोगों के हाथ में प्रिंटआउट पेपर था। इसके बाद मनीष सभी को अपने साथ पीछे के कमरे में ले गया था।
आशुतोष के अनुसार 5 मई दोपहर 12 बजे तक सभी लोग यहां से चले गए थे। गौरतलब है कि एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की परीक्षा 2 बजे शुरू हुई थी। 5 तारीख को वह जमशेदपुर चला गया था। लौटने पर पता लगा कि रूम पर पुलिस की रेड हुई है। जिसके बाद मोबाइल बंद कर लिया। पत्नी के फोन से प्रशासन से बात की। भाई प्रभात को फोन कर मैंने गलती मानी। अगर पता होता तो मनीष और लड़कों को यहां नहीं ठहरने देता। सेफ हाउस रेणु कुमारी पत्नी प्रभात कुमार के नाम पर है। जिसे आशुतोष ने 5 हजार रुपये महीन किराये पर लिया है।
“Didn’t expect tip-off to open NEET Pandora’s box”: Mystery call on ‘safe house’ led Bihar cops to crack NEET leak case. #NEETLeak #BiharPolice #PandorasBox pic.twitter.com/LZ9XKic54E
— Prakash (@Prakash20202021) June 23, 2024
बिहार पुलिस को मिले हैं कई सबूत
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। जिनसे पता लगा कि परीक्षा से पहले कुछ लोग पटना के एक रेस्ट हाउस में रुके थे। वहीं पर उन लोगों को पेपर रटवाया गया था। ईओयू के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने माना कि सेफ हाउस से कुछ सबूत मिले हैं। अभी तक 6 पोस्ट डेटेड चेक बरामद किए गए हैं। सेफ हाउस से कुछ जले हुए प्रश्नपत्र मिले हैं। हर परीक्षार्थी से पेपर के बदले 30 लाख रुपये लिए गए थे। इस बार 571 शहरों में 4750 केंद्रों पर 24 लाख से अधिक लोगों ने पेपर दिया था।