---विज्ञापन---

देश

भारत में सिर्फ 4 % लोग गरीब, सरकारी आंकड़े में चौंकाने वाला दावा!

भारत के गांव और शहर दोनों इलाकों में गरीबी के आंकड़ों में जबरदस्त गिरावट आई है। केंद्र सरकार के ताजा आंकड़े में दावा किया गया है कि देश में गरीबी अब सिर्फ 4% रह गई है। इस दावे के साथ उठते सवालों ने एक नई बहस छेड़ दी है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 17, 2025 17:04
Poverty In India

भारत सरकार का ताजा आंकड़ा दावा करता है कि देश में गरीबी अब सिर्फ 4% रह गई है। यानी 142 करोड़ की आबादी में महज 5-6 करोड़ लोग ही गरीबी रेखा के नीचे बचे हैं, जबकि 12 साल पहले 2011-12 में यह आंकड़ा 29.3% था। यह आकंडे नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (NSO) की ओर से जारी किए गए हैं। इससे पहले जनवरी, 2025 में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने भी गरीबी को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया था। एसबीआई ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि देश में शहर और गांवों में रहने वाले लोगों के बीच गरीबी कम हो रही है। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया था कि देश के इलाकों में फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में गरीबी दर में कमी आई है। लेकिन एनएसओ के ताजा आंकड़े ने देश में बहस छेड़ दी है कि क्या ये आंकड़े सही हैं या सिर्फ कागजी हकीकत हैं?

क्या है गरीबी की नई परिभाषा?

न्यूज तक के मुताबिक, नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (NSO) और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य डॉ. शमिका रवि के हवाले से यह आंकड़ा सामने आया है। रंगराजन समिति के 2014 के फॉर्मूले के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट के मुताबिक, शहर में अगर कोई व्यक्ति रोजाना 47 रुपये (महीने में 1,410 रुपये) से ज्यादा कमाता है तो वह गरीब नहीं है।  गांव में यह सीमा 32 रुपये रोजाना (960 रुपये महीना) तय की गई है। ऐसे में आज की महंगाई को देखते हुए सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या शहर में मात्र 47 रुपये में और गांव में महज 32 रुपये में एक दिन का गुजारा किया जा सकता है?

---विज्ञापन---

आपको रास्ते में ₹500 मिले, आप क्या करेंगे?

View Results

राज्यों में घटी गरीबी: सर्वे

सर्वे के मुताबिक, कई राज्यों में गरीबी में काफी कमी आई है। आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा शासित राज्यों में लगभग गरीबी खत्म हो गई है। हरियाणा में एक फीसदी से भी कम लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। वहीं, बिहार जैसे पिछड़े राज्य में गरीबी मात्र 4.4 फीसदी रह गई है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि अगर वाकई बिहार में इतनी कम गरीबी है तो विपक्ष बेरोजगारी और पलायन का मुद्दा क्यों उठा रहा है? एसबीआई की रिपोर्ट में भी बताया गया था कि बिहार में गरीबी के आकड़ों में शानदार सुधार हुआ है। लेकिन, बिहार में सीएम नीतीश कुमार के सर्वे ने 50% से ज्यादा आबादी को गरीब बताया था तो फिर 4.4% का दावा कैसे सच हो सकता है? और अगर गरीबी इतनी कम है तो देशभर में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन क्यों बांटा जा रहा है?

इन राज्यों में तेजी से घटी गरीबी दर

  • झारखंड: 42% (2011-12) से 12.5%
  • छत्तीसगढ़: 47% (2011-12) से घटकर 11.3%
  • मध्य प्रदेश: 44% (2011-12) से 6%
  • महाराष्ट्र: 20% (2011-12) से 5.9%
  • राजस्थान: 22% (2011-12) से 5%
  • बिहार: 41.3% (2011-12) से 4.4%
  • उत्तर प्रदेश: 40% (2011-12) से 3.5%
  • गुजरात: 27% (2011-12) से 2.7%
  • पंजाब: 11% (2011-12) से 2%
  • हरियाणा: 12.5% (2011-12) से 0.9%

मुफ्त राशन पर मिला ये जवाब

वहीं, जब डॉ. शमिका रवि से पूछा गया कि अगर गरीबी 4% है तो मुफ्त अनाज और मनरेगा क्यों? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘पहले अनाज गोदामों में सड़ता था, अब बांटा जा रहा है। मनरेगा से मौसमी बेरोजगारी में मदद मिलती है।’

---विज्ञापन---
HISTORY

Edited By

Satyadev Kumar

First published on: Mar 17, 2025 05:02 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें