Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर मुश्किलों में हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने दिल्ली हाईकोर्ट से मांग की है कि उसे राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए। आयोग ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि राहुल गांधी ने 2021 में नाबालिग दलित रेप पीड़िता के परिवार की फोटो ट्वीट की थी। इससे उसकी पहचान उजागर हुई। यह किशोर न्याय अधिनियम (जेजे) 2015 के कानून का उल्लंघन है।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ ने मामले में अन्य उत्तरदाताओं को याचिका पर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए समय दिया। इसके साथ ही अगली सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तारीख तय की है।
मुश्किल में पड़ सकते हैं कांग्रेस नेता राहुल गांधी
◆ दिल्ली हाईकोर्ट से NCPCR ने की एक्शन की मांग
---विज्ञापन---◆ 2021 की रेप पीड़िता के परिवार के साथ फोटो पोस्ट करने से जुड़ा है मामला #NCPCR #RahulGandhi | NCPCR on Rahul Gandhi pic.twitter.com/GSynbeZvxb
— News24 (@news24tvchannel) July 28, 2023
क्या कहता है कि नियम?
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा कि जेजे अधिनियम के अलावा, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) और भारतीय दंड संहिता भी यौन उत्पीड़न की नाबालिग पीड़िता की पहचान का खुलासा करना दंडनीय अपराध बनाती है।
दुष्कर्म के बाद मार दी गई थी 9 साल की बच्ची
यह पूरा मामला दिल्ली कैंट के ओल्ड नांगल गांव का है। एक अगस्त 2021 को 9 साल की एक बच्ची के साथ श्मशान में दुष्कर्म हुआ, फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुजारी राधेश्याम समेत चार आरोपी हैं। मृतका की मां ने आरोप लगाया था कि उनकी मर्जी के बगैर पुलिस ने बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया था।
मानहानि केस में राहुल को हुई थी दो साल की सजा
मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी सांसदी चली गई। हाईकोर्ट से उनका केस खारिज हो चुका है। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है। यह पूरा मामला 2019 में राहुल गांधी के एक बयान से जुड़ा था। राहुल गांधी ने कर्नाटक की एक सभा में कहा था कि मोदी सरनेम वाले लोग चोर हैं। इसके बाद उनके खिलाफ सूरत में केस दर्ज किया गया था।
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