कर्नाटक में एक बार फिर टीपू सुल्तान का विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस के विधायक प्रसाद अब्बैया ने मैसूर के मंदाकल्ली एयरपोर्ट का नाम बदलकर टीपू सुल्तान एयरपोर्ट रखने का प्रस्ताव रखा, जिसका भारतीय जनता पार्टी (BJP) विरोध कर रही है। इस बीच कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री ने विधायक के इस प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्यों टीपू सुल्तान को बदनाम किया जाता है और क्यों एंटी नेशन के रूप में देखा जाता है।
कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री एचसी महादेवप्पा ने 18वीं शताब्दी के मैसूर शासक टीपू सुल्तान की प्रशंसा करते हुए कहा कि क्या हम में से एक ही एक टीपू सुल्तान नहीं है? वह मैसूर से है, न कि किसी विदेशी धरती से। टीपू ने ही देवदासी सिस्टम को खत्म किया था। टीपू की वजह से किसान अपनी जमीन के मालिक बने। उसने ही भारत में रेशम का उत्पादन लाया।
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टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ा था : मंत्री
उन्होंने आगे कहा कि टीपू सुल्तान के शासन में सांप्रदायिक सद्भाव कायम थी। मंदिर और मस्जिद आसपास ही होते थे। महादेवप्पा ने यह कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ टीपू सुल्तान ने जंग छेड़ी थी और उसने युद्ध भी लड़ा था। उसके बाद भी उसे एंटी नेशन के रूप में क्यों देखा जा रहा है? उन्होंने कहा कि 20वीं शताब्दी के मैसूर के महाराजा नलवाडी कृष्णराज वाडियार के नाम पर एयरपोर्ट का नाम रखना एक अलग मामला है। उन्होंने सवाल पूछा कि आखिर क्यों टीपू को बदमान किया जा रहा है।
बीजेपी ने एयरपोर्ट के नाम बदलने के प्रस्ताव का किया विरोध
कर्नाटक की बीजेपी ने मैसूर एयरपोर्ट का नाम बदलकर टीपू सुल्तान एयरपोर्ट रखने के प्रस्ताव का विरोध जाताया है। इसे लेकर भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने कहा कि पहले से ही इस एयरपोर्ट का नाम बदलकर कृष्णराज वाडियार के नाम पर रखने की प्रक्रिया चल रही है, जोकि अब अंतिम चरण में है।