---विज्ञापन---

Mount Everest से 100 गुणा ऊंचे 2 पहाड़ मिले, जानें क्या कहती है वैज्ञानिकों की रिसर्च?

Highest Mountains More Than Mount Everest: माउंट एवरेस्ट से ऊंचे पर्वत मिले हैं, समुद्र की गहराई में धरती के नीचे मौजूद हैं। समुद्र के सतह से करीब 3 हजार किलोमीटर नीचे यह पर्वत बने हुए हैं, जिनका पता वैज्ञानिकों ने लगाया है, आइए पूरा मामला जानते हैं...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jan 25, 2025 11:40
Share :
Mount Everest
Mount Everest

Researchers Discovered 2 New Highest Mountains: दुनिया में सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को माना जाता है, लेकिन वैज्ञानिक इससे इनकार कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी नहीं है। क्योंकि माउंट एवरेस्ट से 100 गुना ऊंचे 2 पर्वत मिले हैं। एक शोध के अनुसार, 2 विशालकाय पर्वत पृथ्वी के कोर और मेंटल (पृथ्वी की सतह के नीचे अर्ध-ठोस क्षेत्र) के बीच अफ्रीका और प्रशांत महासागर के नीचे स्थित हैं। नेचर जर्नल में प्रकाशित एक शोध में वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि की है।

शोध में बताया गया है कि अफ्रीका और प्रशांत महासागर की सीमा पर धरती के सबसे बड़े और सबसे ऊंचे पर्वत पाए गए हैं, जो माउंट एवरेस्ट से 100 गुना ज्यादा ऊंचे हैं। यह दोनों चोटियां पृथ्वी की सतह के नीचे गहराई में स्थित हैं और इनकी ऊंचाई लगभग 1000 किलोमीटर है, जो माउंट एवरेस्ट की 8.8 किलोमीटर की ऊंचाई से बहुत अधिक है। यह पर्वत कम से कम आधे अरब साल पुराने हैं, लेकिन इनका इतिहास धरती के निर्माण से 4 अरब साल पुराना हो सकता है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें:महाप्रलय और बवंडर की भविष्यवाणी! वैज्ञानिकों ने बताया कैसे और किन कारणों से होगा जीवन का विनाश?

धरती की सतह से 3000 किलोमीटर नीचे हैं पर्वत

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, रिसर्चर डॉ. अरवेन ड्यूज यूट्रेक्ट विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा कि 2 विशालकाय पहाड़ पृथ्वी के कोर और मेंटल के बीच स्थित हैं, जो अफ्रीका और प्रशांत महासागर के नीचे क्रस्ट से भी नीचे हैं। वहां एक टेक्टोनिक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे गोता लगाती है और पृथ्वी की सतह से करीब 3 हजार किलोमीटर की गहराई तक डूब जाती है। वैज्ञानिकों को कई सालों से पता है कि पृथ्वी के अंदर भूकंपीय तरंगों के कारण हर बार नई संरचनाएं होती हैं और ऐसी हजारों संरचनाएं समुद्र के अंदर मौजूद हैं।

---विज्ञापन---

भूकंप आने पर पृथ्वी ग्रह घंटी की तरह बजता है और जब यह सुपरकॉन्टिनेंट जैसी चीजों से टकराता है तो बेसुरी आवाज होती है। इस दौरान धरती के दूसरी ओर आने वाली ध्वनि को ध्यान से सुनकर वैज्ञानिक यह पता लगा पाते हैं कि समुद्र के अंदर गहराई में क्या है? जहां पर्वत हैं, वहां भूकंपीय तरंगें धीमी हो जाती हैं। इस तरह उन्होंने समुद्र के अंदर भूमिगत पर्वतों की खोज की, जिन्हें LLSVP कहा जाता है। नई संरचनाएं टेक्टोनिक प्लेटों की तुलना में ज्यादा गर्म हैं।

यह भी पढ़ें:दुनिया को डराने वाली भविष्यवाणी; इन 5 कारणों से होगा धरती का विनाश, बचाव में जुटे वैज्ञानिक

प्लेटों के टकराने से पैदा हुए कणों से बने पर्वत

डॉ. ड्यूज की टीम में शामिल सुजानिया तलावेरा-सोजा ने शोध में मेंशन किया भूकंपीय तरंगों के कंपन और धरती के टकराव के बाद उत्पन्न होने वाली ध्वनियों का अध्ययन करते समय वैज्ञानिक उलझन में पड़ गए। क्योंकि वह ऊर्जा महसूस हुई, जिसे भूकंपीय तरंगें पृथ्वी से गुजरते समय खो देती हैं। इस ऊर्जा को महसूस करते समय LLSVP में बहुत कम डैम्पिंग मिली, जिससे वहां आवाज बहुत तेज सुनाई दी, लेकिन कोल्ड स्लैब ग्रेवयार्ड में बहुत ज्यादा डैम्पिंग मिली, जहां आवाज बहुत धीमी थी।

यह ठीक उस तरह था, जैसे गर्म मौसम में दौड़ते हुए आप न केवल धीमे हो जाते हैं, बल्कि ठंड की तुलना में बहुत अधिक थक भी जाते हैं। इस अध्ययन से पता चला है कि यह पर्वत आसपास बनी धरती की स्लैब की तुलना में बहुत बड़े कणों से बने हैं, क्योंकि यह भूकंपीय तरंगों से इतनी अधिक ऊर्जा अवशोषित नहीं कर रहे और यह कण रातों-रात नहीं बने, बल्कि अरबों साल चली प्रक्रिया का परिणाम हैं।

यह भी पढ़ें:NASA Moon Mission: चंद्रमा तक बिछेगी गैस पाइपलाइन! जानें क्या है वैज्ञानिकों का प्लान?

HISTORY

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Jan 25, 2025 11:36 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें