देश में इस बार अप्रैल के महीने में ही तेजी से गर्मी बढ़ रही है, ऐसे में हर किसी को मानसून का इंतजार है। सभी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि इस साल मानसून कब आएगा और मानसून के दौरान कितनी बारिश होगी? भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मानसून को लेकर ताजा अपडेट जारी किया है, जिसे जानकार हर कोई खुश हो जाएगा। IMD का कहना है कि इस साल मानसून की बारिश सामान्य से ज्यादा होगी। दावा किया गया कि देश में मानसून का असर 105 प्रतिशत रह सकता है। अगर मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही पाई गई तो यह लगातार 10वां साल होगा, जब मानसून की बारिश सामान्य या उससे ऊपर ही रहेगी।
इन राज्यों में होगी अच्छी बारिश
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह भविष्यवाणी की है कि इस साल मानसून की बारिश सामान्य से अधिक होगी। अच्छी बारिश खेती के लिए लाभदायक रहेगी। दावा किया गया कि दिल्ली से लेकर पंजाब, उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र में इस साल साउथ-वेस्ट मानसून के दौरान अच्छी बारिश होगी। केरल से लेकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से महाराष्ट्र तक भी इस सीजन में अच्छी बारिश का अनुमान मौसम विभाग की तरफ से लगाया गया है। मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि यह लगातार दूसरा साल है जब मानसून के लिए सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की गई है।
इन राज्यों में होगी सामान्य से अधिक बारिश
IMD ने सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान जिन राज्यों में लगाया गया है, उनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मराठवाड़ा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना शामिल हैं। आमतौर पर मानसून की एंट्री 1 जून के आसपास केरल से होती है और धीरे-धीरे नॉर्थ, ईस्ट और वेस्ट की ओर बढ़ता है। इसके बाद 15-25 जून के बीच पूरे देश में मानसून आ जाता है। 4 महीने के सीजन के बाद सितंबर के अंत से अक्टूबर के मध्य तक मानसून की वापसी होती है।
क्यों सामान्य से ज्यादा होगी बारिश?
अगर IMD का पूर्वानुमान सही साबित होता है तो 2025 का मानसून मौसम लगातार 10वां वर्ष होगा, जब भारत में जून-सितंबर के मुख्य मानसून मौसम में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की जाएगी। IMD के महानिदेशक एम. महापात्र ने बताया कि उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया में जनवरी-मार्च के दौरान कम हिमपात हुआ है। यह मानसून के साथ उल्टा संबंध रखता है। ऐसे में यह इस साल मानसून में अच्छी बारिश के लिए अनुकूल परिस्थिति है। साथ ही यह भी बताया गया कि अल नीनो और हिंद महासागर डायपोल (IOD) के कारण भी मानसून पर असर पड़ता है। ये दोनों परिस्थितियां इस वक्त न्यूट्रल स्थिति में हैं। इनका पूरे मानसून सीजन में ऐसे ही रहने की उम्मीद है।
इन राज्यों में कम होगी बारिश
हालांकि, कुछ राज्यों में कम बारिश हो सकती है। IMD अधिकारियों ने कहा कि मानसून के दौरान अल नीनो की स्थिति उत्पन्न होने की कोई संभावना नहीं है। महापात्र ने बताया कि देश के अधिकांश भौगोलिक क्षेत्रों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। हालांकि, तमिलनाडु, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, बिहार के कुछ हिस्सों और लद्दाख में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। IMD हर साल अप्रैल और मई के अंत में दो चरणों में LRF यानी लांग पीरियड एवरेज जारी करता है। दूसरा पूर्वानुमान मई के अंत में केरल में मानसून की शुरुआत से ठीक पहले जारी किया जाएगा।
भारत के लिए क्यों अहम है मानसून?
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां 42.3 प्रतिशत आबादी की आजीविका कृषि पर ही आधारित है, जो कि देश के जीडीपी में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है। खेती का 52 फीसदी हिस्सा सीधे तौर से बारिश पर निर्भर करता है। अच्छा मानसून जलाशयों के फिर से भरने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अच्छे मानसून से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और खाद्य कीमतों में कमी आएगी, जिसके परिणामस्वरूप खाद्य मुद्रास्फीति भी कम होगी। कम मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के लिए ब्याज दरों में कमी करने का आधार तैयार करेगी। अच्छा मानसून ग्रामीण इलाकों में खपत में सुधार को गति देगा। खपत में सुधार से निजी निवेश को बढ़ावा मिल सकता है। सरकारी खर्च द्वारा समर्थित उच्च खपत और बढ़े हुए निजी निवेश से आर्थिक विकास में तेजी आएगी, जो 2024-25 में 6.4% रहने का अनुमान है।
गर्मी को लेकर IMD ने क्या कहा?
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि अप्रैल से जून तक लू का कहर जारी रहेगा। ज्यादा गर्मी की वजह से पावर ग्रिड पर अधिक लोड पड़ेगा, जिससे जल संकट उत्पन्न हो सकता है।
बता दें कि 2024 में आईएमडी ने 106 और स्काईमेट ने 102 फीसदी बारिश का अनुमान जताया था, लेकिन बारिश 108 फीसदी हुई थी। 2023 में स्काईमेट ने 94 फीसदी बारिश का अनुमान जताया था और बारिश भी इतनी हुई थी। IMD ने 96 फीसदी बारिश का अनुमान जताया था। 2021 में IMD ने 98 फीसदी बारिश का अनुमान लगाया, लेकिन बारिश 99 फीसदी हुई थी।