IMD Weather Forecast Failed: शुक्रवार की सुबह दिल्ली सहित आसपास के इलाकों में भारी बारिश देखने को मिली। बारिश के कारण सड़कें जलमग्न हो गईं और पूरी दिल्ली में पानी से हाहाकार मच गया। आलम ये था कि दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 की छत भी गिर पड़ी, जिसमें 1 ड्राइवर की मौत हो गई। हालांकि सवाल ये है कि मौसम विभाग ने इस प्रलय से पहले लोगों को सावधान क्यों नहीं किया?
शुक्रवार की बारिश ने तोड़ा रिकॉर्ड
पिछले एक महीने से मानसून को लेकर देशभर में अलर्ट जारी करने वाले मौसम विभाग ने शुक्रवार की बारिश को कैसे नजरअंदाज कर दिया? पिछले कई दिनों से मौसम विभाग दिल्ली एनसीआर में हल्की बारिश और तापमान कम रहने की भविष्यवाणी कर रहा है। मगर शुक्रवार को हुई बारिश ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 1936 के बाद ये जून के महीने में होने वाली सबसे तेज बरसात थी, जिसमें 228.1 मिमी पानी गिरा है।
#WATCH | Delhi: Roads inundated as heavy rain continues in parts of National Capital
(Visuals from Govindpuri) pic.twitter.com/9idnGwx0nb
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) June 28, 2024
2 दिन के लिए येलो अलर्ट जारी
26 जून को मौसम विभाग ने हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई थी। 28 जून को आंधी तूफान आने के आसार बताए गए थे। मगर उत्तरी दिल्ली के कई इलाकों में बारिश का कहर अधिक देखने को मिला। यही नहीं, मौसम विभाग ने 29 और 30 जून को भी राजधानी में मूसलाधार बारिश के साथ येलो अलर्ट जारी किया है। मगर आज सुबह से कुछ इलाकों में छुटपुट बूंदाबादी ही हुई है।
कई इलाकों में दी थी भारी बारिश की चेतावनी
आज सुबह 4:58 बजे भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 2 घंटे में दिल्ली, एनसीआर, सोनीपत, झझर, पलवल, बागपत, पिलखुआ और सिंकदराबाद सहित कई जगहों पर हल्की से भारी बारिश होने की संभावना जताई थी। मगर ज्यादातर इलाकों में हल्की बूंदाबांदी ही देखने को मिली है।
#WATCH | Heavy overnight rainfall leaves several parts of Delhi waterlogged. Visuals from Aurobindo Road
Waterlogging in South Delhi from Aurobindo Road to IIT flyover, vehicular movement affected pic.twitter.com/fuNi7jgTlW
— ANI (@ANI) June 28, 2024
IMD ने बताई वजह
IMD का कहना है कि दक्षिण पश्चिम मानसून की पूर्वी शाखा से पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में ज्यादा बारिश नहीं हुई है। हालांकि मध्य प्रदेश के रास्ते मानसून की एक दूसरी शाखा ने उत्तर भारत में एंट्री की, जिसकी वजह से कई इलाकों में अचानक से भारी बारिश होने लगी। IMD के अनुसार बादल अक्सर शाम को बनते हैं और समय के साथ तूफान का रूप ले लेते हैं। ऐसे में पहले से तूफान की सटीक भविष्यवाणी करना मुमकिन नहीं हो पाता है।