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क्या है मोदी सरनेम केस, जिसमें राहुल गांधी को मिली सबसे बड़ी राहत

नई दिल्ली: Modi Surname Case: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि केस में राहुल गांधी की 2 साल की सजा पर रोक लगा दी है। इस दौरान कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि इस बात में कोई शक नहीं कि जो भी कहा गया, […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Aug 4, 2023 16:32
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Rahul gandhi
Rahul gandhi

नई दिल्ली: Modi Surname Case: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि केस में राहुल गांधी की 2 साल की सजा पर रोक लगा दी है। इस दौरान कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि इस बात में कोई शक नहीं कि जो भी कहा गया, वह अच्छा नहीं था। नसीहत के अंदाज में कोर्ट ने यह भी कहा कि नेताओं को जनता के बीच बोलते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए। राहुल गांधी का कर्तव्य बनता है कि वह इसका ध्यान रखें। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी से पूछा था कि मोदी सरनेम मामले में अधिकतम सजा क्यों दी गई? जबकि इसमें कम सजा भी दी जा सकती थी। सवाल यह भी किया कि अगर 1 वर्ष और 11 महीने की सजा दी जाती तो राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता नहीं जाती। आइये जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला, जिसमें राहुल गांधी पिछले कई महीने से निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट के चक्कर काट रहे थे और शुक्रवार को उन्हें राहत बड़ी मिली।

ऐसे शुरू हुआ विवाद

राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 में अपने चुनावी भाषण के दौरान कर्नाटक के कोलार में टिप्पणी करते हुए कहा था- ‘सारे चोरों के नाम मोदी कैसे हैं?’ राहुल की इस टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी हमलावर हो गई थी। भाजपा ने इसे मोदी जाति और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सरनेम से जोड़ते हुए जमकर हमला बोला था। पार्टी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने पूरे मोदी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है।

मोदी सरनेम से लेकर मोदीनगर तक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा, कई ऐसी हस्तियों का सरनेम भी ‘मोदी’ है। मसलन बीके मोदी, केके मोदी, ललित मोदी, रूसी मोदी और सुशील कुमार मोदी का नाम प्रमुख है। मोदी मिल के अलावा दिल्ली से सटे गाजियाबाद में मोदीनगर तो देशभर में चर्चित है। इंडियन प्रिमियर लीग के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के दादा गुजर मल ने वर्ष 1939 में गाजियाबाद में औद्योगिक नगर बसाया था। उन्होंने इसे अपने परिवार का नाम दिया- मोदीनगर। यह अलग बात है कि इशारों-इशारों में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर हमला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर किया था, इसलिए यह गरमा गया।

गुजरात हाई कोर्ट से मिला था झटका

राहुल गांधी की मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी से आहत पूर्णेश मोदी नाम के शख्स ने इसे मानहानि करार दिया था। इसके बाद राहुल गांधी की इस टिप्पणी को अपमानजनक मानते हुए उन पर गुजरात की निजी अदालत में मुकदमा किया था। सूरत की निचली अदालत ने दोनों पक्षों की तमाम दलीलों को सुनने के बाद राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए 2 वर्ष की सजा सुनाई थी। इसके बाद राहुल गांधी ने सजा के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में अपील की थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। दरअसल, राहुल गांधी पर पूरे मोदी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने और छवि धूमिल करने का आरोप लगा था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोप को सही माना और दोषी ठहराया। आखिर में 2 वर्ष की सजा सुना दी।

यह भी एक सच्चाई है कि देश भर मोदी समुदाय बेहद कम संख्या में हैं। इसके साथ ही इस सरनेम के लोग आरक्षित से लेकर सामान्य श्रेणी में आते हैं। कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस करने वाले पूर्णेश मोदी का कहना था कि उन्होंने दुर्भावनापूर्ण तरीके से और लापरवाही से एक बड़े और पूरी तरह से निर्दोष समुदाय के खिलाफ टिप्पणी की। एक समुदाय के खिलाफ नाहक अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। पूर्णेश ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने यह बयान देश के एक चुने हुए प्रधानमंत्री के प्रति व्यक्तिगत घृणा के कारण ही दिया गया। राहुल गांधी ने अनजाने नहीं, बल्कि जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण होकर यह बयान दिया।

कौन हैं पूर्णेश मोदी

मोदी सरनेम को लेकर राहुल गांधी पर केस करने वाले पूर्णेश मोदी खुद मोढ-घांची समुदाय से आते हैं। 22 अक्टूबर, 1965 को गुजरात के सूरत शहर में जन्में पूर्णेश मोदी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं और वह सूरत पश्चिमी से पार्टी के विधायक भी हैं। उनके पास बी.कॉम और कानून यानी एलएलबी की डिग्री भी ली है। पूर्णेश दरअसल, पेशे से वकील भी हैं। इसके अलावा वह गुजरात सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।

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News24 हिंदी

First published on: Aug 04, 2023 04:11 PM

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