Modi Government Cash from Trash Policy, नई दिल्ली: रैवेन्यू जेनरेशन की दिशा में प्रयासरत मोदी सरकार ने हाल ही में एक बड़ा ही कारगर कदम उठाया है। सरकार ने बीते दिनों कबाड़ बेचकर उतनी कमाई कर डाली, जितना कि दुनिया में हमारा डंका बजाने वाले मिशन चंद्रयान 3 पर खर्च आया था। सरकारी कार्यालयों में जमा कंडम गाड़ियों, दूसरे उपकरणों और रद्दी की टोकरी में जा चुकी फाइलों को बेचकर अगस्त तक केंद्र सरकार ने 600 करोड़ रुपए का रैवेन्यू जेनरेट किया है, जिसके अक्टूबर तक 1 हजार करोड़ पहुंच जाने की संभावना जताई जा रही है।
गौरतलब है कि भारत सरकार बीते दो साल से अक्टूबर माह को लंबित मामलों का बोझ कम करने और स्वच्छता के लिए एक विशेष अभियान के रूप में ले रही है। अब सितंबर लगभग आधा बीत चुका है और इसी के साथ इस अभियान के 3 चरण को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासनिक साफ-सफाई के इस दौर में केंद्र सरकार ने बीते माह अगस्त तक लगभग 600 करोड़ का राजस्व कबाड़ की बिक्री से अर्जित किया है, जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरकर रिसर्च कर रहे चंद्रयान 3 के बजट के बराबर है।
मिली जानकारी के अनुसार अक्टूबर 2021 में जब मोदी सरकार ने इस दिशा में पहला कदम बढ़ाया तो उससे सरकार को 62 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। इसके बाद 2022 में इसी तरह रद्दी माल को डिगाकर सरकार ने 371 करोड़ रुपए कमाए, वहीं अब तीसरे फेज में भी 400 करोड़ के करीब राजस्व अर्जन का लक्ष्य तय किया हुआ है। अब तक जहां केंद्र सरकार कबाड़ बेचकर 600 करोड़ का बजट जुटा चुकी है, वहीं नए लक्ष्य को मिला दें तो अक्टूबर अंत तक यह आंकड़ा 1 हजार करोड़ पहुंच जाएगा, ऐसा अनुमान है।
अब सवाल उठता है कि फालतू की चीजों को बेचकर हर महीने लगभग 20 करोड़ रुपए इकट्ठा कर रही सरकार इस धनराशि का करती क्या है तो बता देना जरूर है। अब सरकारी कार्यालयों में 85 लाख वर्ग फीट जगह खाली कर ली जा चुकी है। 2022 में 1.01 लाख कार्यालय स्थलों से कबाड़ बेचकर 90 लाख वर्ग फीट जगह खाली कराई गई थी। अब लगभग 1.5 लाख कार्यालय स्थलों को शामिल करते हुए अक्टूबर में कम से कम 100 लाख वर्ग फीट जगह खाली हो जाने का अनुमान है।