केंद्र सरकार की मोदी 3.0 कैबिनेट की एक अहम बैठक 4 जून को आयोजित की जाएगी। यह बैठक शाम 4:30 बजे सुषमा स्वराज भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होगी। प्रधानमंत्री अपने तीसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने से ठीक पहले सभी केंद्रीय मंत्रियों के साथ इस महत्वपूर्ण बैठक में रणनीतिक चर्चा करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में केंद्र सरकार के पिछले 11 वर्षों की उपलब्धियों, योजनाओं और जनहितकारी कार्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही आगामी दिनों में जनता के बीच जाकर सरकार की नीतियों और कार्यों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की योजना पर भी गहन विचार-विमर्श होगा।
ऑपरेशन सिंदूर रहेगा चर्चा का विषय
बैठक में हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भी विशेष चर्चा होने की संभावना है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी इस सैन्य अभियान को सरकार की निर्णायक नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रीय सुरक्षा में सशक्त योगदान के तौर पर जनता के बीच ले जाने पर बल देंगे। सभी मंत्रियों को निर्देश दिया जा सकता है कि वे ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और उसके सामरिक, कूटनीतिक व मानवीय पक्षों को आमजन तक पहुंचाएं, ताकि देशभर में इसके प्रति जागरूकता और गर्व की भावना को और अधिक मजबूत किया जा सके।
11 वर्षों की यात्रा: योजनाओं की रिपोर्टिंग पर फोकस
बैठक में पिछले 11 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई प्रमुख योजनाओं— जैसे उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ भारत अभियान आदि — की जमीनी रिपोर्टिंग, जनसमर्थन और लाभार्थियों से संवाद के कार्यक्रमों को तेज करने पर जोर दिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि सरकार अब जनभागीदारी से जनसंपर्क की रणनीति के तहत एक ‘विशेष संपर्क अभियान’ शुरू करने की योजना बना रही है, जिसमें केंद्रीय मंत्री, सांसद और भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर जनता को केंद्र सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराएंगे।
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रणनीतिक और चुनावी दृष्टिकोण से भी अहम
विश्लेषकों के अनुसार यह बैठक न सिर्फ सरकारी प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिहाज से बल्कि आगामी चुनावी तैयारियों की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। 2025 के अंत में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, ऐसे में यह बैठक सरकार की जनसंपर्क नीति और राजनीतिक संदेश तय करने में भी भूमिका निभा सकती है।
कुल मिलाकर, 4 जून को होने वाली यह बैठक मोदी सरकार की तीसरी पारी के पहले वर्ष की समीक्षा, सामरिक उपलब्धियों के प्रचार और आगामी रोडमैप के निर्धारण की दृष्टि से अहम मानी जा रही है।
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