H-1B VISA: अमेरिका द्वारा हाल ही में H-1B वीजा आवेदनों पर लगाए गए 1 लाख डॉलर का अतिरिक्त भारी शुल्क पर विदेश मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी गई है। इस दौरान विदेश मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि ‘उसने अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की ओर से जारी अधिसूचना का संज्ञान लिया है. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि वॉशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास लगातार अमेरिकी प्रशासन के संपर्क में है’.
अमेरिकी प्रशासन के संपर्क में भारतीय दूतावास
हाल में अमेरिका द्वारा H-1B वीजा आवेदनों पर लगाए गए शुल्क पर विदेश मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि ‘H1B वीजा मामले में विदेश मंत्रालय और वॉशिंगटन डीसी स्थित हमारा दूतावास लगातार अमेरिकी प्रशासन के संपर्क में हैं। नए कदम उठाए जाने के बाद अमेरिकी पक्ष की ओर से स्पष्टीकरण FAQ जारी किए गए हैं। वहीं विदेश मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि हालात अभी भी पूरे साफ नहीं है और हम विभिन्न स्तरों पर सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। मंत्रालय के अनुसार, इससे जुड़े उद्योग जगत सहित सभी हितधारकों को एक माह का समय अपनी टिप्पणियां देने के लिए दिया गया है।
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1 लाख डॉलर की लगाई गई थी अतिरिक्त फीस
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बीती 20 सितंबर को एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर साइन करके जारी करके नए H-1B वीजा आवेदकों को 1 लाख डॉलर अतिरिक्त फीस लगाई गई थी। ट्रंप प्रशासन की ओर से कहा गया था कि इस फीस के बाद ही उन्हें वीजा मिलेगा. ट्रंप सरकार के इस फैसले से इंजीनियरिंग, टेक और साइंस इंडस्ट्री हिल गई है. माइक्रोसॉफ्ट, ऐप्पल, अमेजोन समेत दुनिया की बड़ी कंपनियों को झटका लगा था, क्योंकि अब उन्हें H-1B वीजा फीस धारकों को हायर करने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे, जिससे आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा. वहीं बता दें कि अमेरिका में लगभग 70 प्रतिशत H-1B वीजा धारक भारतीय हैं. इसलिए भारतीयों पर ट्रंप सरकार के नए फैसले का सबसे ज्यादा असर पड़ा है.
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