Meow Meow Drug Mephedrone Inside Story: देश में आए दिन नशा तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। दुश्मन देश पाकिस्तान कभी पंजाब में तो कभी जम्मू कश्मीर में बॉर्डर के रास्ते हेरोइन, चिट्टे की खेप भेजता रहता है। दूसरी ओर, अन्य देशों से भी कई तरह के नशीले पदार्थ भारत पहुंचते हैं। इन्हीं नशीले पदार्थों में से एक है मेफेड्रोन (Mephedrone), जिसे ‘म्याऊं-म्याऊं’ भी कहा जाता है।
भारत समेत दुनियाभर के 53 देशों में पूरी तरह बैन है। इस ड्रग को सबसे पहले 2008 में बैन किया गया था। इजराइल ने इसे प्रतिबंधित किया था। साल 2010 में ब्रिटेन ने और 2011 में अमेरिका ने इसे बैन किया था, लेकिन प्रतिबंधित होने के बावजूद 3500 करोड़ की मेफेड्रोन (Mephedrone) लंदन से रेडी-टू-इट खाने के पैकेटों में छिपाकर भारत भेजी गई। इन पैकटों को लंदन से भारत में डिलीवर कराया गया।
LATEST UPDATE : DRUG HAUL CASE – Pune City Police
---विज्ञापन---Seizure : 1800 Kgs approx
…valued at Rs. 3500 crores..!#DrugsFreePune #ZeroTolerance pic.twitter.com/Fzcx4KAbMU— पुणे शहर पोलीस (@PuneCityPolice) February 20, 2024
पुणे-दिल्ली में मिला खतरनाक नशीला पदार्थ
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के पुणे शहर की पुलिस ने पुणे और दिल्ली में छापामारी की। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के नेतृत्व में चली रेड में 1800 किलो प्रतिबंधित ड्रग मेफेड्रोन (MD) बरामद हुई। इंटरनेशनल मार्केट में इतनी ड्रग की कीमत 3500 करोड़ रुपये है। ड्रग को बेचने-खरीदने के लिए ‘म्याऊं म्याऊं’ कोड का इस्तेमाल किया जाता है।
पुलिस ने ड्रग के साथ 5 तस्करों को भी गिरफ्तार किया है। इस रिकवरी को भारत में आज तक की सबसे बड़ी बरामदगी बताया जा रहा है। 700 किलोग्राम मेफेड्रोन पुणे से, 400 किलो दिल्ली के हौज खास से, 650 किलो पुणे के कुरकुंभ MIDC इलाके से बरामद हुई। गिरफ्तार नशा तस्करों का कनेक्शन कुख्यात नशा तस्कर ललित पाटिल से बताया जा रहा है।
Pune police seized drugs worth ₹3000 crore from Pune and Delhi.
•Pune police raided a pharmaceutical plant at Kurkumbh and a godown in Delhi. 1700 kgs of mephedrone was seized.
•This raid was part of a probe in which three men were arrested in Pune with drugs worth ₹3.6… pic.twitter.com/czrfCmUuaM
— Facts (@BefittingFacts) February 22, 2024
एक किलो मेफेड्रोन (MD) की कीमत 2 करोड़
मेफेड्रोन (Mephedrone) को ड्रोन, M-कैट, व्हाइट मैजिक और बबल भी कहा जाता है। साल 1929 में पहली बार बनाई गई ड्रग को भारत और चीन में पौधों के लिए सिंथेटिक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन लोगों ने इसे नशा करने के लिए इस्तेमाल किया। साल 2000 में यह इंटरनेट पर बिकने लगी तो देशों में इस पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया।
यूरोपीय जैव सूचना विज्ञान संस्थान (EMBL-EBI) की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, मेफेड्रोन के कैप्सूल और टैबलेट बनती हैं। इसका पाउडर भी मिल जाता है। नशा करने वाले इसे सीधा निगल लेते हैं। सूंघते हैं या इसका धुआं सांस के साथ खींचते हैं। कुछ लोग इसका इंजेक्शन भी लगाते हैं, लेकिन एक बार इसकी लत लग जाए तो अंजाम मौत ही होता है।
मेफेड्रोन (MD) के साइड इफेक्ट
यूरोपियन मॉनिटरिंग सेंटर फॉर ड्रग्स एंड ड्रग एडिक्शन (EMCDDA) की रिपोर्ट के अनुसार, मेफेड्रोन (Mephedrone) का नशा करने वाले लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। उनमें आक्रामकता इतनी बढ़ जाती है कि वे इस ड्रग का नशा करके किसी को जान से मार भी सकते हैं और होश में आने पर उन्हें याद भी नहीं रहेगा।
सूंघ कर इसका नशा करने पर नाक से खून निकल सकता है और जान जा सकती है। आंखों की पुतलियां जल सकती हैं। ब्रेन पर जोर पड़ने से ब्लॉकेज हो सकती है। दिल काम करना बंद कर सकता है। इस ड्रग का नशा करने वाले की मौत कब हो जाए, कोई कुछ नहीं कह सकता।