Mega fraud of Rs 854 crore: कर्नाटक के बेंगलुर में साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़े साइबर अपराधियों का भंडाफोड़ किया है। ये साइबर ठग बेंगलुरु के येलाहनका इलाके में एक सिंगल बेडरूम के घर से बिना नाम वाली फर्जी कंपनी से काले धंधे को अंदाज दे रहे थे। साइबर पुलिस ने इस मामले में एक एमबीए पास और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को गिरफ्तार किया था। इन ठगों ने लोगों को ठगने के लिए कई एम्प्लॉई को हायर किया था जो रातों-दिन सक्रिय होकर बड़े अपराधों को अंदाज दे रहे थे।
हजारों लोगों को दिया धोखा
पुलिस को इन साइबर अपराधियों के बारे में तब पता चला, जब एक 26 वर्षीय महिला ने शिकायत की थी कि उसके साथ 8.5 लाख रुपये की धोखाधड़ी हो गई है। महिला ने बताया था कि एक ऐप के जरिए और व्हाट्सएप ग्रुप पर उसे ज्यादा रिटर्न के लिए छोटे निवेश करने का लालच दिया गया था। जांच में पाया गया है कि एक बेडरूम का घर पूरे भारत में सक्रिय एक बड़े धोखाधड़ी नेटवर्क के लिए एक बैक ऑफिस था, जहां सोशल मीडिया पर अजनबियों द्वारा उच्च रिटर्न के लिए छोटी मात्रा में निवेश करने का लालच देकर हजारों लोगों को धोखा दिया गया।
सिंगल बेडरूम से 854 करोड़ का मेगा फ्रॉड
साइबर पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि बेंगलुरु में साइबर ठगों के नेटवर्क ने पिछले दो वर्षों में 84 बैंक खातों के माध्यम से 854 करोड़ रुपये की धनराशि ट्रांसफर की। पुलिस ने सितंबर में इन खातों का पता कर फ्रीज किया था। साइबर जांच में पाया गया है कि 84 संदिग्ध खातों के माध्यम से भेजे गए 854 करोड़ रुपये के फंड को गेमिंग ऐप्स, यूएसडीटी जैसी क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन कैसीनो और भुगतान गेटवे में स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसे धोखाधड़ी के मुख्य ऑपरेटरों द्वारा भुनाया गया था, जिन पर संदेह है कि वे दुबई में स्थित हैं। और जिनसे बेंगलुरु के ऑपरेटरों की कभी मुलाकात नहीं हुई। पुलिस को संदेह है कि दुबई स्थित ऑपरेटर जो केवल सोशल मीडिया के माध्यम से बेंगलुरु के ठगों से संपर्क करके नेटवर्क स्थापित करते हैं, संभवतः चीनी ऑपरेटरों से जुड़े हुए हैं।