Manipur Violence Updates: मणिपुर में गुरुवार को एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारी भीड़ ने पुलिस स्टेशनों और अदालतों पर धावा बोलने की कोशिश की। सुरक्षा बलों ने लाठीचार्ज करते हुए आंसू गैस के गोले दागे। स्टंट बम भी दागना पड़ा। इस दौरान 10 से अधिक लोग घायल हो गए।
प्रदर्शनकारी 16 सितंबर को सुरक्षा बलों की वर्दी में और अत्याधुनिक हथियारों के साथ पकड़े गए पांच लोगों की बिना शर्त रिहाई की मांग कर रहे थे। राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर राजधानी इंफाल के दोनों जिलों में शाम पांच बजे से कर्फ्यू में ढील रद्द कर दी है।
प्रदर्शनकारी इस मांग को लेकर उतरे सड़क पर
दरअसल, छह स्थानीय क्लबों और मीरा पैबिस के आह्वान पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी गुरुवार को सड़कों पर आए। प्रदर्शनकारियों ने हिरासत में लिए गए लोगों की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए पांच घाटी जिलों के पुलिस स्टेशनों तक मार्च किया। यदि नहीं, तो उन्होंने मांग की कि उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए। उनके हाथों में नारे लिखी तख्तियां थीं।
प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पूर्व में पोरोम्पैट थाने और इंफाल पश्चिम जिले के सिंगजामेई पुलिस स्टेशन और क्वाकीथेल पुलिस चौकी पर धावा बोलने की कोशिश की। पहले सुरक्षाबलों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन जब लोग जबरन घुसने लगे तो उन पर लाठीचार्ज कर दिया। सुरक्षाबलों ने भीड़ को हटाने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे।
सिंगजामेई पुलिस स्टेशन के बाहर भीड़ और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, जहां पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। हिंसा में 10 लोग घायल हुए। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है।
कर्फ्यू में ढील का आदेश रद्द
राज्य प्रशासन ने ताजी हिंसा के चलते कर्फ्यू में छूट के आदेशों को रद्द कर दिया है और बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने वाले निषेधाज्ञा को फिर से लागू कर दिया है।
अब तक 150 से ज्यादा लोगों की गई जान
मणिपुर में तीन मई को हिंसा भड़की थी। जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में 12 सितंबर को कांगपोकपी में हुई फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई थी। अज्ञात हमलावरों ने कांगगुई इलाके में इरेंग और करम वैफेई गांव के बीच सुबह साढ़े आठ बजे अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी।
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