Manipur Violence : देश का उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में सुलगने लगा है। सोमवार को स्थिति गंभीर होने के बाद मंगलवार को यहां के तीन जिलों (इम्फाल ईस्ट, इम्फाल वेस्ट और थौबल) में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। हिंसा के चलते पिछले 2 दिन में यहां 7 लोगों की जान जा चुकी है। तीनों जिलों के प्रशासन ने मंगलवार की सुबह 11 बजे से कर्फ्यू लागू करने का आदेश जारी किया और इसके पीछे कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का हवाला दिया। यहां 5 दिन के लिए इंटरनेट भी बैन कर दिया गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार को अलग-अलग घटनाओं में एक महिला और एक पूर्व सैनिक की हत्या कर दी गई थी। ये दोनों कूकी-जो समुदाय के थे और कांगपोकपी जिले के रहने वाले थे। इनमें महिला का शव जिले के थांगबह गांव में एक चर्च के बाहर मिला था और उसके शव पर बम के टुकड़े से आईं चोटों के निशान थे। दरअसल, रविवार की रात हमलावरों ने इसी गांव के पास सीआरपीएफ के एक कैंप पर हमला किया था। इस दौरान हुई क्रॉस फायरिंग की चपेट में आने की वजह से महिला की मौत होने की आशंका जताई जा रही है।
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Indian state of Manipur imposes internet blackout following days of deadly ethnic violence and clashes between police and protesters pic.twitter.com/2fLlx7zFgx
---विज्ञापन---— TRT World Now (@TRTWorldNow) September 10, 2024
इस महीने 11 की चली गई जान
वहीं, जिस पूर्व सैनिक का शव मिला था उसे कथित तौर पर कुछ दिन पहले ही किडनैप किया गया था। उसका शव इम्फाल वेस्ट जिले में सोमवार को सेकमाई गांव में मिला था। दोनों के शव मिलने से एक दिन पहले ही मणिपुर में 5 कम से कम 5 लोगों की हत्या कर दिए जाने की खबर सामने आई थी। अगर सिर्फ इस महीने की बात करें तो 1 सितंबर के बाद से जातीय हिंसा के अलग-अलग मामलों में 11 लोगों की जान जा चुकी है। इन घटनाओं को लेकर सोमवार को सैकड़ों की संख्या में जुटे छात्रों ने इम्फाल में विरोध-प्रदर्शन भी किया था।
For over 16 months, Manipur has been in the throes of violence.
Against the backdrop of a recent flare-up in tensions, @NBirenSingh‘s administration has responded by imposing indefinite curfew, firing tear gas shells at protestors & snapping internet.
What we’re witnessing is a… pic.twitter.com/oFeJRyRkC5
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) September 10, 2024
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प्रदर्शनकारी कर रहे हैं यह मांग
प्रदर्शनकारी छात्रों ने मणिपुर के गवर्नर लक्ष्मण आचार्य और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आधिकारिक आवास पर धावा बोलने की कोशिश भी की थी। छात्र मांग कर रहे हैं कि मणिपुर से केंद्रीय बलों को बाहर किया जाए और स्थानीय समुदायों को सुरक्षा दी जाए। पुलिस ने स्थिति को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। घटना में कुछ पुलिसवालों और सुरक्षा कर्मी घायल हो गए थे। वहीं, थौबल में भी छात्रों ने इसी तरह का प्रदर्शन किया था जिस दौरान करीब 20 लोग घायल हो गए थे।
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