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2 दिन में 7 की मौत, 3 जिलों में कर्फ्यू, इंटरनेट पर बैन; हिंसा की आग में फिर जलने लगा ये राज्य

Manipur News: मणिपुर में जातीय हिंसा की घटनाओं का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। इस महीने में इस तरह की घटनाओं में अब तक कम से कम 11 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, राज्य की सरकार ने कुछ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है तो साथ ही इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Sep 10, 2024 22:11
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Manipur Students Protest march
Manipur Students Protest march. (ANI)

Manipur Violence : देश का उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में सुलगने लगा है। सोमवार को स्थिति गंभीर होने के बाद मंगलवार को यहां के तीन जिलों (इम्फाल ईस्ट, इम्फाल वेस्ट और थौबल) में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। हिंसा के चलते पिछले 2 दिन में यहां 7 लोगों की जान जा चुकी है। तीनों जिलों के प्रशासन ने मंगलवार की सुबह 11 बजे से कर्फ्यू लागू करने का आदेश जारी किया और इसके पीछे कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का हवाला दिया। यहां 5 दिन के लिए इंटरनेट भी बैन कर दिया गया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार को अलग-अलग घटनाओं में एक महिला और एक पूर्व सैनिक की हत्या कर दी गई थी। ये दोनों कूकी-जो समुदाय के थे और कांगपोकपी जिले के रहने वाले थे। इनमें महिला का शव जिले के थांगबह गांव में एक चर्च के बाहर मिला था और उसके शव पर बम के टुकड़े से आईं चोटों के निशान थे। दरअसल, रविवार की रात हमलावरों ने इसी गांव के पास सीआरपीएफ के एक कैंप पर हमला किया था। इस दौरान हुई क्रॉस फायरिंग की चपेट में आने की वजह से महिला की मौत होने की आशंका जताई जा रही है।

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इस महीने 11 की चली गई जान

वहीं, जिस पूर्व सैनिक का शव मिला था उसे कथित तौर पर कुछ दिन पहले ही किडनैप किया गया था। उसका शव इम्फाल वेस्ट जिले में सोमवार को सेकमाई गांव में मिला था। दोनों के शव मिलने से एक दिन पहले ही मणिपुर में 5 कम से कम 5 लोगों की हत्या कर दिए जाने की खबर सामने आई थी। अगर सिर्फ इस महीने की बात करें तो 1 सितंबर के बाद से जातीय हिंसा के अलग-अलग मामलों में 11 लोगों की जान जा चुकी है। इन घटनाओं को लेकर सोमवार को सैकड़ों की संख्या में जुटे छात्रों ने इम्फाल में विरोध-प्रदर्शन भी किया था।

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प्रदर्शनकारी कर रहे हैं यह मांग

प्रदर्शनकारी छात्रों ने मणिपुर के गवर्नर लक्ष्मण आचार्य और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आधिकारिक आवास पर धावा बोलने की कोशिश भी की थी। छात्र मांग कर रहे हैं कि मणिपुर से केंद्रीय बलों को बाहर किया जाए और स्थानीय समुदायों को सुरक्षा दी जाए। पुलिस ने स्थिति को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। घटना में कुछ पुलिसवालों और सुरक्षा कर्मी घायल हो गए थे। वहीं, थौबल में भी छात्रों ने इसी तरह का प्रदर्शन किया था जिस दौरान करीब 20 लोग घायल हो गए थे।

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Gaurav Pandey

First published on: Sep 10, 2024 04:51 PM

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