Manipur violence: पूर्वोत्तर राज्य में भीषण हिंसा जारी है। रविवार को इंफाल में फिस से हिंसा भड़क उठी जिसमें कम से कम दो लोगों की मौत हो गई है और नागरिकों पर गोलीबारी की अलग-अलग घटनाओं में 12 घायल हो गए। दिन के शुरुआती घंटों से आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं। पुलिस अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि इंफाल पश्चिम जिले के फयेंग में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा चलाई गई गोली में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया।
40 से ज्यादा उग्रवादियों को मार गए
मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिहं ने रविवार को कहा कि जातीय दंगों से घिरे मणिपुर में शांति लाने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से सुरक्षा बलों ने लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है। उग्रवादी घरों में आग लगाने और नागरिकों पर गोलीबारी करने में शामिल थे। सिंह ने कहा कि हथियारबंद आतंकवादियों द्वारा नागरिकों पर एके-47, एम-16 और स्नाइपर राइफलों से गोलीबारी करने के मामले सामने आए हैं। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में इन आतंकियों को निशाना बनाया।
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हिंसा के बीच देश के गृहमंत्री अमित शाह आज राज्य का दौरा करेंगे। अमित शाह मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ बैठक कर स्थिति का बारे में जानकारी लेंगे।
कैसे शुरू हुई हिंसा
3 मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद सबसे पहले मणिपुर में 75 से अधिक लोगों की जान लेने वाली जातीय झड़पें हुईं। ये रैली मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) की मांग के विरोध में आयोजित की गई थीं। हिंसा के चलते कई इलाकों में कर्फ्यू लगा है। भड़के कुकी समुदाय के लोग सरकारी अधिकारी और नेताओं को निशाना बना रहे हैं।
मेइती मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं।
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