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बंगाल हिंसा पर सियासत: ममता बनर्जी बोलीं- हिंसा भड़काने के लिए भेजी गई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी, पूर्व चीफ जस्टिस ने पूछा- डर क्यों रहीं?

West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि हुगली और हावड़ा में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा के लिए भाजपा जिम्मेदार है। भाजपा ने बिना किसी की अनुमति के समय बदला। जानबूझकर जुलूस निकालने के लिए नमाज के वक्त का इंतजार किया गया। जब हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Apr 10, 2023 21:02
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CBI, Abhishek Banerjee, West Bengal Teacher Recruitment Scam, Mamta Banerjee
Mamta banerjee

West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि हुगली और हावड़ा में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा के लिए भाजपा जिम्मेदार है। भाजपा ने बिना किसी की अनुमति के समय बदला। जानबूझकर जुलूस निकालने के लिए नमाज के वक्त का इंतजार किया गया। जब हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति नियंत्रण में है तो भाजपा फिर हिंसा भड़काने के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम भेज रही है।

ममता बनर्जी के इन आरोपों पर फैक्ट फाइंडिंग टीम ने जवाब दिया है। कोलकाता पहुंचे पटना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्य नरसिम्हा रेड्डी ने कहा कि जब आपके पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है तो डर क्यों रही हैं।

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पूर्व जस्टिस रेड्डी ने कहा कि हमने राज्यपाल को अंतरिम रिपोर्ट दे दी है। हमारी कोशिश है कि सामान्य स्थिति बहाल हो जाए, शांति बनी रहे और जो लोग दंगों के कारण अपना घर छोड़कर गए हैं, वे वापस आ जाएं।

दंगे पूर्व नियोजित थे: कमेटी

पूर्व मुख्य न्यायाधीश नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर छह सदस्यीय कमेटी ने सोमवार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कहा कि रामनवमी के जुलूस के दौरान हुए दंगे पूर्व नियोजित थे। कमेटी ने पूरे मामले की जांच एनआईए से कराए जाने की मांग की है।

तीन दिवसीय दौरे पर पहुंची थी कमेटी

हावड़ा और हुगली जिलों में रामनवमी के जुलूसों के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी पश्चिम बंगाल के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंची थी। समिति में पूर्व मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी, पूर्व आईपीएस राज पाल सिंह, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य एडवोकेट चारु वली खन्ना, पूर्व संयुक्त रजिस्ट्रार (कानून) भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अधिवक्ता ओपी व्यास, वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक और पूर्व सलाहकार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अधिवक्ता भावना बजाज शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: ममता बनर्जी-शरद पवार और CPI को EC का तगड़ा झटका, राष्ट्रीय दर्जा वापस, केजरीवाल की पार्टी AAP का हुआ प्रमोशन

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Written By

Bhola Sharma

First published on: Apr 10, 2023 08:59 PM

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