---विज्ञापन---

आत्मनिर्भरता की एक और मिसाल; रेफरेंस फ्यूल भी हुआ स्वदेशी, नहीं रहना होगा रूस और सऊदी अरब पर डिपेंड

Reference Fuel Production In India: बेहतर गुणवत्ता वाला रेफरेंस फ्यूल बनाने में सक्षम होने के साथ भारत अब दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी द्वारा आईओसीएल के प्रोडक्ट का लॉन्च किए जाने के बाद माना जा रहा है कि अब हमें विदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Oct 26, 2023 19:54
Share :

पल्लवी झा/नई दिल्ली

आत्मनिर्भरता की दिशा में लगातार कदम बढ़ा रहे भारत ने एक और मिसाल कायम की है। केन्द्रीय ऑयल और नेचुरल गैस के क्षेत्र में ऐतिहासिक मौका है, जब रेफरेंस फ्यूल के उत्पादन में भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। भारत ने फ्यूल सेक्टर में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। ऑयल कम्पनियों को अब तक रेफरेंस फ्यूल के लिए विदेशी कंपनियों के आगे हाथ फैलाना पड़ता था, लेकिन अब इस क्षेत्र में भी भारत ने कामयाबी हासिल कर ली है और प्रोडक्शन शुरू कर दिया है।

  • IOCL के प्रोडक्ट को केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने किया लॉन्च, 200 लीटर के पैक में होगा उपलब्ध

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने जानकारी दी कि सबसे पहले इसका उत्पादन पारादीप और पानापीत में शुरू होगा। IOCL ने इसका लॉन्च किया है। गाड़ियों की टेस्टिंग, इंजन कैलीबेरेशन और सर्फिकेशन के लिए रेफरेन्स फ्यूल का इस्तेमाल होगा। ये गैसोलीन और डीजल दोनों वैरिएंट दोनों में उपलब्ध होगा। अभी तक ऑटोमोटिव इंडस्ट्री Reference Fuel का इम्पोर्ट करती है। वहीं ये 200 लीटर के पैक में उपलब्ध होगा।

यह भी पढ़ें: Indian Army का ‘चाणक्य रक्षा संवाद’ शुरू, टॉक शो में होगी सुरक्षा मामलों पर चर्चा

जल्द ही इसका निर्माता बनेगा भारत

कई सालों से भारत इन विशेष ईंधनों की मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर रहा है, लेकिन अब ये स्वदेशी रूप से विकसित उत्पाद वाहन निर्माताओं और परीक्षण एजेंसियों के लिए कम लागत पर विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करने वाले आयात का स्थान लेंगे। देश में मौजूदा समय में घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए रेफरेंस फ्यूल यूरोप और अमेरिका की चुनिंदा कंपनियों से इम्पोर्ट किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: महिला के कान में रेंगते हुए मिली मकड़ी, खाल भी छोड़ी; डॉक्टरों ने दर्द से दिलाया छुटकारा

कहां कहां होती है रिफरेन्स फ्यूल की ज़रूरत

दरअसल, वैश्विक जलवायु विविधता के बीच गैसोलीन और डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर रिचर्स के लिए ऑटोमोबाइल कंपनियां जिस ईंधन का इस्तेमाल करती हैं, वह उच्च कोटि का होता है। इंजन डेवलपमेंट और परफॉमेंस चेक के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इस विशेष प्रकार के ईंधन को ही रेफरेंस फ्यूल कहा जाता है।

First published on: Oct 26, 2023 07:52 PM
संबंधित खबरें