Maharashtra Politics Shiv Sena Row MLAs Disqualification Case Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बुधवार (10 जनवरी) को शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामले में फैसला सुनाया। उन्होंने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना। स्पीकर ने शिवसेना के 1999 के संविधान को अपने फैसले का आधार बताते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे के पास एकनाथ शिंदे को पार्टी से हटाने का कोई अधिकार नहीं था। हालांकि, उन्होंने दोनों गुटों के किसी भी विधायक को अयोग्य घोषित नहीं किया। फिर भी इससे शिवसेना (यूबीटी) को बड़ा झटका लगा है। ऐसा क्यों है, आइए जानते हैं…
स्पीकर ने उद्धव ठाकरे की उम्मीदों पर फेरा पानी
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को उम्मीद थी कि स्पीकर अपने फैसले में शिवसेना (यूबीटी) या शिंदे गुट में से किसी एक गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित कर देंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अगर स्पीकर उद्धव गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराते तो उद्धव ठाकरे को लोकसभा चुनाव 2024 और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मजबूती मिलती। वे इसका हवाला देते हुए इस मुद्दे को जनता तक पहुंचाते और उनकी सहानुभूति हासिल करने करते, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।
Shiv Sena MLAs' disqualification case | Maharashtra Assembly speaker Rahul Narwekar says, "Also in my view, the 2018 leadership structure (submitted with ECI) was not as per the Shiv Sena Constitution. Shiv Sena party chief as per the party Constitution can not remove anyone from… pic.twitter.com/ts92LnyUUt
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) January 10, 2024
अपना कार्यकाल पूरा करेंगे एकनाथ शिंदे
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने किसी भी गुट के खिलाफ प्रतिकूल कार्रवाई न करके इस बात पर मुहर लगा दी कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने आगामी चुनावों से पहले शिवसेना (यूबीटी) को किसी भी तरह का राजनीतिक लाभ लेने से वंचित कर दिया।
उद्धव गुट के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प
हालांकि, स्पीकर के फैसले के खिलाफ उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। हालांकि, वहां भी गुट को निराशा मिलने की ही उम्मीद है। शिंदे गुट के पास यह दावा करने के पर्याप्त कारण हैं कि वही असली शिवसेना है, क्योंकि उसके पास पार्टी का प्रतीक ‘धनुष और तीर’ भी है।
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