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Lok Sabha Election 2024: क्या गांधी परिवार के बिना लड़ा जाएगा उत्तर प्रदेश का चुनाव?

UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार गांधी परिवार के नजर नहीं आने की अटकलें हैं। चर्चा है कि उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में गांधी परिवार के पांचों सदस्य नजर नहीं आएंगे, जबकि सियासी गलियारों में चर्चा यह भी है कि चाहे कुछ हो जाए, गांधी परिवार UP का चुनावी रण नहीं छोड़ेगा।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Feb 17, 2024 13:09
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Congress Sonia Gandhi, Rahul Gandhi, Priyanka Gandhi
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे।

दिनेश पाठक, वरिष्ठ पत्रकार

UP Lok Sabha Election 2024 Update: वरुण गांधी और मेनका गांधी को भारतीय जनता पार्टी से टिकट मिलने पर संशय है। सोनिया गांधी राज्यसभा के दरवाजे पर खड़ी हैं। प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। अमेठी सीट को भाजपा ने कांग्रेस से छीन लिया है, जहां से राहुल गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी जीतते रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव 2024 में गांधी परिवार का कोई सदस्य मैदान में नहीं होगा?

इस सवाल को हल करने से पहले गांधी परिवार के उत्तर प्रदेश से रिश्ते को जान लेते हैं। आजाद भारत में जब से चुनाव शुरू हुए हैं, तभी से गांधी परिवार आम और विधानसभा चुनाव में सक्रिय भागीदारी निभाता रहा है। पंडित नेहरू से लेकर फिरोज गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी, राहुल गांधी, वरुण गांधी, सोनिया गांधी और मेनका गांधी लगातार चुनाव लड़ते और जीतते-हारते आ रहे हैं। यह पहला चुनाव है, जब इस तरह के सवाल जनता के बीच उभर कर सामने आ रहे हैं।

 

कांग्रेस की टिकट पर या निर्दलीय लड़ सकते चुनाव

यद्यपि, इस तथ्य पर भरोसा नहीं किया जा सकता कि गांधी परिवार का कोई सदस्य मैदान में नहीं होगा, क्योंकि वरुण गांधी को बेशक भाजपा टिकट न दे, लेकिन वे चुनाव लड़ेंगे। जानकार और पीलीभीत के लोग तो यह मानकर बैठे हैं कि वरुण इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के एक जिम्मेदार पदाधिकारी कहते हैं कि वरुण की निजी बातचीत राहुल-प्रियंका से बराबर होती है। भाजपा से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में कांग्रेस उन्हें मनचाही सीट दे सकती है।

वहीं अगर उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की बारी आती है तो भी कांग्रेस उनका खुला समर्थन करेगी। भले ही इंडिया गठबंधन में एक सीट छोड़नी पड़े। वहीं मेनका गांधी एक बार चुनावी राजनीति से खुद को दूर रख सकती हैं, लेकिन राहुल गांधी ने अगर उत्तर प्रदेश छोड़ा तो बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि यही वह राज्य है, जिसने कांग्रेस और गांधी परिवार को आजादी के बाद से अब तक लगातार खाद-पानी दिया है।

 

अमेठी से राहुल अब पहले जैसे कनेक्टिड नहीं दिखते

माना जा रहा था कि सोनिया गांधी के रायबरेली छोड़ने के बाद प्रियंका गांधी यहां से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन अब ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि वे भी चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगी। इस पर भरोसा भी किया जा सकता है, क्योंकि प्रियंका ने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है। सवाल को ताकत इसलिए मिली है, क्योंकि साल 2019 में राहुल गांधी अमेठी के साथ ही केरल से चुनाव लड़े थे। केरल से जीते और अमेठी हार गए। उसके बाद वे अमेठी उस हक से नहीं लौटे।

अमेठी उनके पिता-चाचा की सीट रही है। उनकी सीट रही है। उन्हें एक लड़ाके की तरह अमेठी से संवाद करना था, जो वे किन्हीं कारणों से नहीं कर सके। संभव है कि उन्होंने अनिच्छा जाहिर की हो या फिर रणनीतिकारों से चूक हुई हो? सच जो भी हो, बीते 5 साल तक अमेठी ने राहुल गांधी को उस तरह नहीं देखा, जैसे पहले वे आते थे और लोगों से मिलते थे। दुख-दर्द में शामिल होते थे। संभव है कि कुछ लोगों से उनका घर का रिश्ता हो, लेकिन जनता से वे दूरी बनाए रहे। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी को सांसद के रूप में खूब समय देती आ रही हैं, जबकि अमेठी में ईरानी से ज्यादा दौरा राहुल गांधी का होना चाहिए था।

 

राहुल गांधी उत्तर प्रदेश को नहीं छोड़ेंगे, चुनाव जरूर लड़ेंगे

कांग्रेस पार्टी के जानकार कहते हैं कि राहुल उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ेंगे, यह तय है, लेकिन अभी यह सुनिश्चित किया जाना बाकी है कि वे अमेठी से लड़ेंगे या रायबरेली से? पर ऐसा नहीं होगा कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश से चुनाव न लड़ें। सच यह भी है कि वे दक्षिण भारत से भी किसी न किसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उत्तर प्रदेश को नहीं छोड़ेंगे। चुनाव मैदान में यहां से भी कूदेंगे। यह उनके राजनीतिक भविष्य के लिए जरूरी है। वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ल कहते हैं कि यह सवाल बेमानी है कि गांधी परिवार इस बार उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में नहीं होगा, बिल्कुल होगा। सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने और वरुण-मेनका के भाजपा से रिश्ते में आई तल्खी की वजह से यह सवाल उछला है।

बृजेश शुक्ल कहते हैं कि लिखकर रख लीजिए, वरुण गांधी चुनाव लड़ेंगे, तब भी जब भाजपा टिकट देगी और तब भी जब वह टिकट नहीं देगी। कांग्रेस के जिम्मेदार पदाधिकारी भी इस बात की तसदीक करते हैं कि अगर भाजपा वरुण को टिकट नहीं देगी तो वे कांग्रेस के टिकट पर या कांग्रेस के समर्थन से चुनाव लड़ेंगे। उनके लिए कांग्रेस इंडिया गठबंधन में मिलने वाली एक सीट कुर्बान करेगी। क्योंकि राजनीतिक और पारिवारिक विवाद के बीच भी वरुण-राहुल-प्रियंका की आपसी बातचीत सद्भावपूर्ण है। वे यह भी कहते हैं कि राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ सकते हैं। प्रियंका गांधी का अभी तक कुछ भी तय नहीं है। वे साथ में यह भी जोड़ते है कि यह राजनीति है, यहां कुछ भी हो सकता है। सारे सवाल, सभी आंकलन धराशायी हो सकते हैं।

First published on: Feb 17, 2024 01:03 PM

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