Lal Krishna Advani Absent From Ram Mandir Inauguration: 500 साल बाद शुभ घड़ी आई, रामलला अपने ‘घर’ अयोध्या नगरी पधारे, राम मंदिर में अपने गर्भगृह में विराजे, लेकिन जिन्होंने राम मंदिर की अलख जगाई, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वहीं नहीं देख पाए। सोमनाथ से रथ यात्रा लेकर निकले, गिरफ्तार तक किए गए। जो राम जन्मभूमि के लिए मोर्चे का झंडा उठाकर सबसे आगे चले। ‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ का नारा दिया।
राम मंदिर आंदोलन को जन-जन की भावना बनाया, वे लाल कृष्ण आडवाणी आज राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में नजर नहीं आए। रथ यात्रा में साथ खड़े होकर माइक संभालने वाले नरेंद्र मोदी जब आज प्रधानमंत्री बनकर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराई, लेकिन वो रथ यात्रा का नेतृत्व करने वाले लाल कृष्ण आडवाणी नहीं आ पाए, वे प्राण प्रतिष्ठा में रामभक्तों को खूब याद आए।
💥💥💥 श्री लालकृष्ण आडवाणी जी की श्री राम जन्मभूमि के लिए निकाली हुई ऐतिहासिक रथ यात्रा साल 1990 की VIDEO …
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🚩‼️ जय श्री राम ‼️🚩
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— Naren Mukherjee (@NMukherjee6) January 20, 2024
सेहत ने नहीं दिया था, सफर नहीं कर पाए
22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाजपा के दिग्गज नेता 96 वर्षीय लाल कृष्ण आडवाणी शामिल नहीं हो पाए। इसकी वजह उनका स्वास्थ्य रहा। हाड़ कंपाने वाली ठंड के कारण डॉक्टरों ने उन्हें सफर नहीं करने की सलाह दी, जिसे मानते हुए उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला लिया।
हालांकि आडवाणी को यह फैसला लेकर काफी तकलीफ हुई, क्योंकि वे उन खूबसूरत पलों के साक्षी बनना चाहते थे। रामलला को राम मंदिर में विराजमान होते अपनी आंखों से देखना चाहते थे, लेकिन शायद यह उनकी किस्मत में नहीं, ऐसा कहते हुए उन्होंने मन मसोस लिया। बोले अगर रामलला की यह मर्जी है तो उनका आदेश सिर आंखों पर। उन्होंने राम मंदिर को भाजपा का ड्रीम प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक मिशन बताया, जिसके लिए उन्होंने इतना कड़ा संघर्ष किया।
Step into history with this extraordinary video of @narendramodi Ji speaking during the Rath Yatra with Lal Krishan Advani Ji . Experience the vintage charm and witness the promise to Ram Bhaktas transforming into reality. pic.twitter.com/6uFQ3uVbfO
— BJYM Chandigarh (@BJYMinCH) January 19, 2024
हिन्दुत्व के असली पोस्टर ब्वॉय बने थे आडवाणी
1980 के दशक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विवादित स्थल को हिन्दुओं के लिए खोलने का आदेश दिया। 1989 में विश्व हिन्दू परिषद ने राम मंदिर बनाना शुरू किया। उस समय भाजपा अध्यक्ष रहे लाल कृष्ण आडवाणी 1990 में गुजरात के सोमनाथ से रथ यात्रा लेकर राम जन्मभूमि अयोध्या तक पहुंचे। इस राष्ट्रव्यापी रोड शो हजारों की संख्या में रामभक्त उनके साथ हो लिए।
‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ का नारा लगाते हुए आडवाणी आगे बढ़े। इस रथ यात्रा ने उन्हें हिंदुत्व का असली पोस्टर ब्वॉय बना दिया था। इस रथ यात्रा के समय दूसरा अहम चेहरा थे मुरली मनोहर जोशी, जो 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने तक उनके साथ रहे। बाबरी मस्जिद गिरने के बाद उमा भारती को गले लगाते हुए जोशी की तस्वीर पूरे देश ने देखी थी। यह सब लाल कृष्ण आडवाणी के कारण ही संभव हुआ था।
#WATCH | Ram Lalla idol at the Shri Ram Janmaboomi Temple in Ayodhya#RamMandirPranPrathistha pic.twitter.com/QOW51jbt5L
— ANI (@ANI) January 22, 2024
लालू प्रसाद यादव ने किया था आडवाणी को गिरफ्तार
25 सितंबर 1990 को गुजरात के सोमनाथ से लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा शुरू हुई थी। रथ यात्रा ने कई गांवों और शहरों से होते हुए 300 किलोमीटर की दूरी तय की। आडवाणी ने 6 रैलियां करके लोगों में राम मंदिर की अलख जगाई। 23 अक्टूबर 1990 को बिहार में रथ यात्रा ने स्टे किया, लेकिन जो जनसैलाब उमड़ रहा था, उसे देखकर तत्कालीन प्रधानमंत्री VP सिंह घबरा गए।
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को आदेश दिया कि लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया जाए, क्योंकि उनकी रथ यात्रा गुजरात से उत्तर प्रदेश होते हुए बिहार तक पहुंच गई थी और बिहार से आगे जाने पर माहौल बिगड़ने का डर था, लेकिन किस्मत का फेर देखएि, एक रथ यात्रा निकाल कर राम मंदिर के लिए मोर्चा खोलकर केंद्र सरकार को डराने वाले आडवाणी ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा नहीं देख पाए।