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‘दिमाग खाने वाला अमीबा’ कितना खतरनाक? केरल में अब किशोर मिला संक्रमित, 3 बच्चों की हो चुकी मौत

Kerala Brain Eating Amoeba Case: केरल में 'दिमाग खाने वाले अमीबा' का चौथा केस मिला है। इससे पहले 3 बच्चों की मौत हो चुकी है। अब किशोर इस घातक बीमारी से संक्रमित मिला है। जिसका इलाज एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है। इस बीमारी के केस हर साल सामने आने लगे हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Jul 6, 2024 15:11
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brain eating amoeba
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Kerala News: केरल में ‘इंसानी दिमाग खाने वाला अमीबा’ का चौथा केस मिला है। 14 साल के लड़के में बीमारी की पुष्टि हुई है। जिसको इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। डॉक्टरों के अनुसार किशोर में रेयर ब्रेन इन्फेक्शन अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के लक्षण मिले हैं। किशोर को इलाज के लिए 1 जुलाई को लाया गया था। बाद में संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिसको बचाव के लिए विदेशी दवाएं दी जा रही हैं। किशोर की हालत में पहले से सुधार हो रहा है। केरल में मई से अब तक अमीबा के चार मामले सामने आ चुके हैं। चारों केस बच्चों में मिले, जिसके कारण 3 की मौत हो चुकी है। अब चौथा केस सामने आया है। विशेषज्ञों के अनुसार संक्रमण का कारण फ्री लिविंग गैर परजीवी बैक्टीरिया बनता है। जो दूषित पानी में पैदा होता है।

नाक के जरिए इंसान में करता है प्रवेश

यह नाक के जरिए इंसान में प्रवेश करता है। 3 जुलाई को ही 14 साल के एक किशोर की मौत हुई थी। मृदुल नाम का किशोर तालाब में नहाने के लिए गया था। लेकिन बैक्टीरिया के कारण उसको इन्फेक्शन हो गया। बाद में उसने दम तोड़ दिया। कन्नूर में ही 13 साल की लड़की की इसी इन्फेक्शन के चलते 25 जून को जान चली गई थी। केरल में 21 मई को पहला केस सामने आया था। मलप्पुरम में इन्फेक्शन के कारण 5 साल की बच्ची की मौत हो गई थी। इससे पहले 2017 और 2023 में इस बीमारी के कारण कई मौतें हुई थीं। अलपुझा जिले में बीमारी ने कहर बरपाया था। सबसे पहला केस केरल में 2016 में सामने आया था।

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2019, 2020, 2022 में इस बीमारी का सिर्फ 1-1 मामला सामने आया था। जिन लोगों को इन्फेक्शन होता है, उनमें बुखार, सिरदर्द, उल्टी और दौरे के लक्षण दिखते हैं। अमेरिका के सेंटर ऑफ डिसीज के अनुसार PAM (प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस) एक तरह का ब्रेन इन्फेक्शन है। जो अमीबा नामक एक कोशिका वाले जीव के कारण फैलता है। यह वायरस मिट्टी और गर्म ताजे पानी, नदियों, झीलों में पनपता है। इसे ‘दिमाग खाने वाला अमीबा’ सरल भाषा में कहा जाता है। क्योंकि जब यह गंदा पानी नाक में जाता है तो ब्रेन को इन्फेक्टेड कर देता है। सिर्फ 5 से 10 दिन में इसके कारण मौत हो जाती है। अभी इसको रोकने के लिए कोई एंटीबायोटिक दवा कारगर नहीं है।

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Jul 06, 2024 03:11 PM

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