Karnataka News: कर्नाटक में लीडरशिप को लेकर जारी चर्चा के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने साफ कहा कि हाईकमान की चेतावनी के बावजूद कांग्रेस MLA दिल्ली जाने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्होंने संकेत दिया कि प्रदेश की नेतृत्व से जुड़ा अंतिम निर्णय केवल पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व ही करेगी. सिद्धारमैया के अनुसार, ‘यदि विधायकों के पास कोई राय या शिकायत है तो वे उसे हाईकमान के सामने रख सकते हैं, लेकिन फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगी. उन्होंने यह भी जोड़ा कि भ्रम की स्थिति खत्म करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप करना आवश्यक है. कैबिनेट विस्तार पर पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पार्टी नेतृत्व की अनुमति मिलते ही सरकार आगे कदम उठाएगी’. उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात की किसी भी संभावना से भी इनकार किया.
सिद्धारमैया ही रहेंगे 2028 तक CM- मंत्री जमीर अहमद
वहीं हाउसिंग मंत्री जमीर अहमद खान ने मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के बीच किसी भी रोटेशनल फॉर्मूले की बात को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि ‘सिद्धारमैया अपना कार्यकाल 2028 तक पूरा करेंगे. चल्लकेरे के विधायक शिवन्ना ने अंदरूनी मतभेदों की खबरों को तूल न देते हुए कहा कि ऐसा हर मुद्दा पार्टी हाईकमान के विवेक पर छोड़ देना चाहिए. उनके अनुसार, ‘कुछ नए विधायक पार्टी की प्रक्रियाओं से पूरी तरह वाकिफ नहीं हैं. इसलिए भ्रम पैदा हो सकता है’. उन्होंने दोहराया कि ‘चाहे कोई भी नेता हो, सभी को केंद्रीय नेतृत्व का फैसला स्वीकार करना ही होगा’. शिवन्ना ने यह भी बताया कि ‘विधायकों को निर्देश दिया गया है कि वे इस मुद्दे पर दोबारा सार्वजनिक बयानबाजी न करें’.
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पार्टी नेतृत्व पर चर्चा सार्वजनिक मंचों के लिए नहीं- मल्लिकार्जुन खड़गे
दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नेतृत्व विवाद पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि ‘ऐसे मुद्दे सार्वजनिक बहस का विषय नहीं हैं और इन्हें निर्धारित बैठकों में ही चर्चा के लिए रखा जाता है’. उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘वे संविधान दिवस के कार्यक्रम और रिव्यू बैठक में शामिल होने पहुंचे हैं’. इसी बीच, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने सिद्धारमैया के बयानों को ‘वेद वाक्य’ बताते हुए कहा कि ‘वे पूरी तरह मुख्यमंत्री के फैसलों के साथ खड़े हैं और सरकार उसी मार्गदर्शन में काम कर रही है’. संभावित फेरबदल से पहले विधायकों के दिल्ली जाने पर उन्होंने कहा कि ‘कई लोग संभावित फेरबदल से पहले मंत्री पद की उम्मीद कर रहे थे. अपना भविष्य बनाने के लिए, वे जाएंगे. क्या गलत है?’ लेकिन गुटबाजी या अनुशासनहीन बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी’.
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